सुपौल:बिहार के सुपौल के मरौना प्रखंड के कमरेल गांव में एक युग का अंत हो गया. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, राम मंदिर आंदोलन के प्रथम कारसेवक और विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख सदस्य कामेश्वर चौपाल का अंतिम संस्कार भावभीनी श्रद्धांजलि के साथ किया गया. उनके निधन से देश ने न केवल एक सामाजिक नेता को खो दिया, बल्कि राजनीति और समाजसेवा का एक उज्ज्वल अध्याय भी समाप्त हो गया.
कई बड़े मंत्रियों ने दी अंतिम विदाई: कामेश्वर चौपाल के अंतिम संस्कार में बिहार की राजनीति के कई नामचीन लोगों ने हिस्सा लेकर उन्हें अंतिम विदाई दी. जिसमें बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह भूमि सुधार व राजस्व मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, पीएचईडी मंत्री नीरज बबलू और कई नेता शामिल हुए. इसके अलावा सम्पूर्ण मिथिला के कई राजनीति दल के लोगों ने उनका अंतिम दर्शन किया.
100 घरों में नहीं जला चूल्हा: कामेश्वर चौपाल के निधन के बाद से पिछले दो दिनों से करीब एक सौ घर में चूल्हे नहीं जले हैं. बताया जा रहा है कि उनके निधन की तिथि से चार दिन बाद चूल्हा जलाया जाएगा. डॉ दिलिप जयसवाल ने कहा उनके विचारों ने उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) से जोड़ा.
"उन्होंने हिंदू समाज के उत्थान और सामाजिक समरसता के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए. उन्हे राम मंदीर के निर्माण में प्रथम ईंट रखने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ."- डॉ दिलीप जायसवाल, बिहार बीजेपी अध्यक्ष