नई दिल्ली:दिल्ली के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए एक गहरा आघात है. उन्होंने आर्थिक सुधारों के माध्यम से भारत को एक नई दिशा दी. उनके पार्थिव शरीर को उनके सरकारी आवास पर राष्ट्रीय ध्वज से लपेटा गया, उनके निधन के बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री के आवास पर जाकर परिवार से मुलाकात की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
दिल्ली कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने भी मनमोहन सिंह के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दुखद अवसर पर संदीप दीक्षित ने बताया कि अभी उनके अंतिम संस्कार का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है और उनकी बेटी के आने का इंतजार किया जा रहा है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री के आवास पर जाकर परिवार से मुलाकात की (ETV Bharat) भावुक हुए संदीप दीक्षित
संदीप दीक्षित ने मनमोहन सिंह के साथ अपने पारिवारिक रिश्तों को साझा करते हुए कहा, "मेरे पिता ने उनके साथ काम किया था और हम लोग बच्चे थे जब वह विभिन्न देशों के दौरे पर गए थे. उनका यह सफर केवल काम का नहीं, बल्कि हमारे परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण था."
मनमोहन सिंह के कार्यकाल में सांसद रहे संदीप दीक्षित
डॉ. मनमोहन सिंह, जो देश के वित्त मंत्री रहते हुए आर्थिक सुधारों के पथप्रदर्शक बने, ने यूपीए सरकार के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. उन्होंने कहा, "उनके प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान मुझे दिल्ली से सांसद रहने का मौका मिला. यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैंने उनके साथ काम किया."
"राजनीति में इस तरह का तीखापन क्यों आ गया?"
संदीप दीक्षित ने इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि जब कांग्रेस और डॉ. मनमोहन सिंह पर राजनीतिक हमले होने लगे थे, तब भी उन्होंने शांति और संयम बनाए रखा. वह अक्सर कहा करते थे, "मैं समझ नहीं पा रहा हूं, राजनीति में इस तरह का तीखापन क्यों आ गया?"
उनके निधन पर, संदीप दीक्षित ने कहा कि यह देश के लिए एक बड़ी क्षति है. डॉ. मनमोहन सिंह का आचरण और अनुशासन आज के नेताओं के लिए एक उदाहरण है. वह हमेशा सही आचरण और आदर्श के प्रतीक बने रहेंगे.
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