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अंता नगर पालिका में 3 नेताओं में चल रही नूरा कुश्ती, 6 माह में 6 अध्यक्ष.. अब खंडेलवाल को मिली जिम्मेदारी - Anta Nagar Palika

बारां जिले की अंता नगर पालिका में सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा. पिछले 6 महीने में 6 बार अध्यक्ष बदले गए हैं. अब एक बार फिर भाजपा के अंतानगर अध्यक्ष रामेश्वर खंडेलवाल के हाथ में अध्यक्ष पद की की चाबी आई है. निलंबन, बर्खास्त व नियुक्ति का ही क्रम चल रहा है. मानो यह अध्यक्ष का पद न होकर फुटबॉल बन गया हो.

Anta Nagar Palika
अंता नगर पालिका में 3 नेताओं में चल रही नूरा कुश्ती (ETV BHARAT GFX TEAM)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 16, 2024, 12:38 PM IST

अंता (बारां).जिले की अंता नगर पालिका में अध्यक्ष की कुर्सी फुटबॉल बनी हुई है. बीते 6 महीनों में 6 बार अध्यक्ष का पद बदला गया है. ऐसे में निलंबन के बाद दूसरे का अध्यक्ष बनना और फिर निलंबन बहाल होने व बर्खास्त होने का क्रम लगातार जारी है. अब एक बार फिर भाजपा के अंतानगर अध्यक्ष रामेश्वर खंडेलवाल के हाथ में अध्यक्ष पद की की चाबी आई है. इसके पहले स्वायत शासन विभाग, निदेशक स्थानीय निकाय, राजस्थान हाईकोर्ट व नगर पालिका के बीच फाइल और आदेश का क्रम जारी है. इनमें नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष मुस्तफ़ा खान, चंद्र प्रकाश मीणा और वर्तमान अध्यक्ष रामेश्वर खंडेलवाल के बीच नूरा कुश्ती चलती रही है.

विधायक की आंखों की किरकिरी बन गए थे मुस्तफा :पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान भाजपा का बहुमत होते हुए कांग्रेस के मुस्तफा खान नगर पालिका अंता के अध्यक्ष बन गए थे. सरकार जाने के बाद अंता से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की आंखों की किरकिरी मुस्तफा खान बने हुए थे. मुस्तफा खान के खिलाफ चार संतान होने की शिकायत अंता नगर भाजपा अध्यक्ष रामेश्वर खंडेलवाल ने कांग्रेस शासन के दौरान की थी. इसी के चलते इसी पर कार्रवाई करवाने के लिए कंवरलाल मीणा ने एक्शन लेना शुरू कर दिया और झाबर सिंह खर्रा के यूडीएच मंत्री बनने के बाद मुस्तफा खान को फरवरी 2024 में निलंबित करवा दिया. इसके बाद दोबारा उन्होंने अपना निलंबन कोर्ट के जरिए रद्द करवाया.

उपाध्यक्ष चार्ज एज्यूम कर बने अध्यक्ष : मुस्तफा खान को हटाने के तत्काल बाद अंता नगर पालिका में उपाध्यक्ष चंद्र प्रकाश मीणा अध्यक्ष बन गए. उन्होंने स्वयं अध्यक्ष का चार्ज एज्यूम कर लिया. इसके बाद मुस्तफा खान न्यायालय में गए और सरकारी आदेश में कमी बताते हुए कोर्ट ने रिव्यू करने के निर्देश दिए. जिस पर उन्होंने अपने आदेश को वापस ले लिया. क्योंकि उसमें कुछ कमी रह गई थी. इस पर दोबारा मुस्तफा खान अध्यक्ष बन गए और उन्होंने अंता में जुलूस निकाल कर दोबारा चार्ज ले लिया. हालांकि सरकार ने उन्हें फिर बर्खास्त कर दिया. इसके बाद मीणा ने दोबारा चार्ज ले एज्यूम कर लिया.

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रामेश्वर को बैठाने के लिए मीणा का निलंबन : राज्य सरकार ने चंद्रप्रकाश मीणा को 15 मार्च को निलंबित कर दिया. उन्होंने न्यायालय की शरण ली और 23 मार्च को दोबारा डीएलबी ने उन्हें राहत दे दी. बीच में कुछ दिनों के लिए रामेश्वर खंडेलवाल को सरकार ने अध्यक्ष बना दिया. रामेश्वर खंडेलवाल का कहना है कि चंद्र प्रकाश मीणा को सुनवाई का अवसर नहीं मिलने के चलते राहत दी थी. इसके बाद उन्हें नोटिस दिया गया और सुनवाई का मौका मिला. इसके बाद जुलाई महीने में ही चंद्र प्रकाश को दोबारा निलंबित कर दिया गया. अब राज्य सरकार ने रामेश्वर खंडेलवाल के अध्यक्ष नियुक्ति के आदेश दिए हैं.

इस तरह से चला पूरा घटनाक्रम :

2 फरवरी को डीएलबी ने मुस्तफा खान को किया था निलंबित.
5 फरवरी को चंद्र प्रकाश मीणा ने कर लिया था चार्ज एज्यूम.
इसके बाद 29 फरवरी को वापस मुस्तफा खान के निलंबन को किया डीएलबी ने रद्द.
1 मार्च को मुस्तफा खान ने दोबारा ले लिया चार्ज.
इसके पांच दिन बाद 6 मार्च को दोबारा मुस्तफा खान को डीएलबी ने कर किया बर्खास्त.
इसके तुरंत बाद चंद्र प्रकाश मीणा दोबारा बने अध्यक्ष.
सरकार ने 15 मार्च को मीणा को भी कर दिया निलंबित.
इसके बाद रामेश्वर खंडेलवाल को दिया था सरकार ने अध्यक्ष का चार्ज.
कोर्ट के आदेश पर सरकार ने 23 मार्च को दोबारा मीणा को निलंबित करने के आदेश पर रोक लगाई.
इसके बाद मीणा ने दोबारा अध्यक्ष का पद एज्यूम कर लिया.
सरकार ने 4 जुलाई को अध्यक्ष मीणा को निलंबित कर दिया.
इसके बाद 15 जुलाई को आदेश जारी करते हुए रामेश्वर खंडेलवाल को दोबारा अध्यक्ष नियुक्त किया गया.

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