देहरादून: पुलिस-प्रशासन की सख्ती के बावजूद भी उत्तराखंड में भूमाफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला राजधानी देहरादून से सामने आया है. यहां भूमाफियाओं के हौसले इतने बुंलद हो गए हैं कि उन्होंने दिवंगत महिला संत को जीवित दिखाकर उसकी जमीन न सिर्फ कब्जा किया, बल्कि वहां प्लॉट भी बेचने शुरू कर दिए. हालांकि जैसे ही ये मामला जिलाधिकारी के पास पहुंचा उन्होंने मामले में कार्रवाई की और जमीन की दाखिल खारिज रद्द कर दी.
दरअसल, बीती 20 मई को जनता दरबार में देहरादून जिलाधिकारी सोनिका से ग्राम अनारवाला के भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष और गुच्चुपानी, जौहड़ी व चन्द्रोटी गांव के कई लोगों ने इस जमीन को लेकर शिकायत की थी. उन्होंने जिलाधिकारी को अपनी शिकायत में बताया था कि गुच्चुपानी में प्राचीन जल का स्रोत है, जिसका उपयोग ग्रामीण सालों से पीने के पानी के रूप में करते रहे हैं.
जल स्रोत के ऊपर बड़ा बगीचा था, जहां पर संन्यासी महिला का मंदिर होता था, लेकिन उनके देहांत के बाद वहां कोई नहीं रहता था और भवन खंडहर में तब्दील हो चुका था. आरोप है कि कुछ दिनों पहले ही भूमाफियाओं ने बगीचे के फलदार पेड़ों को आग लगा दी और उस जमीन पर प्लाटिंग करनी शुरू कर दी.
जिलाधिकारी ने शिकायत का संज्ञान लिया और तहसीलदार सदर मोहम्मद शादाब को जांच-पड़ताल के लिए निर्देश दिए. तहसीलदार सदर मोहम्मद शादाब की जांच में सामने आया कि वो जमीन राजस्व ग्राम चन्द्रोटी का हिस्सा है. मौके पर वनाग्नि और छोटे वृक्ष सहित झाड़ी कटान के अवशेष पाये गए हैं. भूमि का बाजार मूल्य कम से कम 20-25 करोड़ रुपए है.
जांच में ये भी सामने आया है कि यह भूमि लगभग चार बीघा राजस्व अभिलेखों में बिंदा गिरि चेला लक्ष्मण गिरि की है. यह भूमि बिंदा गिरि के नाम 1953 से लगातार चली आ रही है. अचानक से 25 मई 2022 को सब-रजिस्ट्रार द्वितीय देहरादून के कार्यालय में बिंदा गिरि चेला लक्ष्मण गिरि निवासी 65 सी कनखल जनपद हरिद्वार ने सतीश कुमार गुप्ता निवासी विजयपुर हाथीबड़कला नयागांव जनपद देहरादून को गिफ्ट डीड कर दी जाती है. गिफ्ट डीड में सौरभ सोनकर और संजय थापा गवाह हैं, जिसकी दाखिल खारिज भी अप्रैल 2023 में हो जाती है.