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रिश्वत के बदले जमीन घोटाला मामला: SDM और नायब तहसीलदार सहित 19 पर FIR, 5 अधिकारी पहले से चल रहे सस्पेंड - Land Bribe Case Firozabad

फिरोजाबाद में 75 बीघे जमीन घोटाला मामले में फंसे एसडीएम, नायब तहसीलदार सहित 19 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया. इसी मामले में सभी पांचों आरोपी पहले ही सस्पेंड किए जा चुके हैं. जिला अधिकारी की ओर से भेजी गई जांच रिपोर्ट पर शासन की ओर से मामले में सख्त एक्शन लिया जा रहा है.

नप गए अफसर
नप गए अफसर (PHOTO credits ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 4:14 PM IST

फिरोजाबाद:75 बीघे की करोड़ों की जमीन पर हड़पने के लिए फिरोजाबाद में एसडीएम के जो खेल खेला अब वही उनके गले की फांस बन गई है. राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर तहसील सिरसागंज में तैनात रहे एसडीएम ने अपने रिश्तेदारों के नाम जमीन ट्रांसफर कर दी. मामले का खुलासा होने पर पहले एसडीएम, नायाब तहसीलदार और लेखपाल सहित पांच अधिकारी कर्मचारी सस्पेंड किए गए. उसके बाद अब इस मामले से जुड़े सभी 19 आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है.

जिले के बहुचर्चित जमीन घोटाले के मामले में एसडीएम,नायब तहसीदार ने अपने अधीनस्थों के साथ ऐसा खेल किया कि जिसे सुनकर सभी दंग रह गए. विवादित जमीन को सुलझाने के बदले में मिलने वाली रिश्वत में पैसे के बदले जमीन लेने का यह अनोखा मामला सिरसागंज तहसील के रुधेनी गांव का है. दरअसल यहां के काश्तकार योगेंद्र शर्मा की 75 बीघा जमीन विवादित है. करोडों की कीमत की जमीन की वसीयत का विवाद एसडीएम कोर्ट में चल रहा था.

योगेंद्र शर्मा की शिकायत के अनुसार एसडीएम कोर्ट में हमारा पक्ष सुने बगैर ही फैसला दूसरे पक्ष के हक में कर दिया. इस मामले में एसडीएम, नायब तहसीदार और लेखपाल ने फुर्ती दिखाई कि, योगेंद्र को ऊपरी अदालत में अपील का समय तक नहीं दिया और सात जून को सुनाए गए फैसले में 11 जून को जमीन का दाखिला खारिज भी कर दिया. दूसरे पक्ष ने 12 जून को इस जमीन का बड़ा हिस्सा 10 लोगों के नाम कर दिया.

बता दें कि, जिन लोगों ने यह जमीन खरीदी है उनमें से दो खरीददार एसडीएम विवेक राजपूत के करीबी हैं. जिनमे एक उनका चचेरा भाई जबकि दूसरा उनका परिचित है. जबकि तीन खरीददार नायब तहसीलदार के रिश्तेदार हैं. जिनमें नायब तहसीलदार के सास,ससुर और साली है. दो बैनामा लेखपाल के रिश्तेदारों के नाम हुए हैं, जिनमें एक खरीददार लेखपाल के पिता है. कुछ जमीन एक जिला पंचायत सदस्य और एक अन्य बीजेपी नेता ने खरीदी है.

पीड़ित योगेंद्र शर्मा का आरोप था कि, हमारी जमीन का निर्णय दूसरे के पक्ष में देने की एवज में अफसरों ने घूंस के रूप में जमीन ली है. मामला हाइलाइट होने के बाद जिलाधिकारी रमेश रंजन ने दागी अफसरों का ट्रांसफर करते हुए सीडीओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी बना दी थी. जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद लेखपाल को सस्पेंड कर दिया गया था और रिपोर्ट शासन को भेज दी गयी थी.

जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने बुधवार को कार्रवाई करते हुए तत्कालीन एसडीएम विवेक राजपूत, नायब तहसीलदार नवीन कुमार,राजस्व निरीक्षक,लेखपाल अभिलाख सिंह और पेशकार को निलंबित कर इनके खिलाफ एफआईआर के भी आदेश दिये थे. साथ ही विजिलेंस से इनकी संपत्ति की जांच कराने के भी आदेश दिये थे. शासन के इन्हीं आदेशों पर राजस्व निरीक्षक विशेष कुमार ने तत्कालीन एसडीएम विवेक राजपूत, तत्कालीन नायब तहसीलदार नवीन कुमार, तत्कालीन लेखपाल अभिलाष सिंह,एसडीएम न्यायालय के रीडर प्रमोद शाक्य, राजस्व निरीक्षक मुकेश चौहान के अलावा जमीन की खरीद फरोख्त करने वाले अफसरों रिश्तेदारों, परिजनों के खिलाफ भी केस दर्ज कराया गया है.

परिजनों के नाम जिनपर मामला दर्ज हुआ है- मनोज कुमार करसौलिया,अर्जुन सिंह गुर्जर, प्रवेश कुमार,राज श्री चाहर,महीपाल सिंह चाहर,प्रदीप कुमार करसौलिया, अनीता चाहर,प्रशांत कुमार करसौलिया, अजीत कुमार,प्रवीन कुमार करसौलिया,पप्पू,दीपक राजपूत, अनिता सिंह,सर्वेश सिंह हैं. एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है. जिलाधिकारी रमेश रंजन का कहना है कि, यह कार्रवाई शासन के निर्देश पर हो रही है. हमने तो जांच कराकर रिपोर्ट शासन को भेज दी थी.

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