शिमला: आज देशभर में धूमधाम से दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है. खुशियों के इस त्योहार का सभी को साल भर इंतजार रहता है. कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दीपों का त्योहार दिवाली पर्व मनाया जाता है. दिवाली के त्योहार को रोशनी, समृद्धि और खुशी के पर्व के रूप में मनाया जाता है.
पूजा का शुभ मुहूर्त
कुल्लू के आचार्य दीप कुमार ने बताया कि सनातन धर्म में तिथियां का विशेष महत्व है. सभी त्योहार उदया तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं. जबकि दिवाली की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. इसलिए आज शाम को 3:12 मिनट पर अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी. जो कि 1 नवंबर को शाम 6:16 मिनट तक रहेगी. ऐसे में आज प्रदोष काल के समय शाम 6:25 से लेकर रात 8:20 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है.
पूजा में इन बातों का रखें ध्यान
आचार्य दीप कुमार ने कहा कि दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. ऐसे में दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.
- दिवाली पर घर की अच्छे से साफ-सफाई करें.
- प्रदोष काल में ही माता लक्ष्मी की पूजा की जानी चाहिए.
- लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को वेदी पर ही स्थापित करें.
- वेदी का स्थान पूजा के दौरान ईशान कोण में होना चाहिए.
- घर के पूर्वी कोने में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का स्थान होना चाहिए.
- मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें और खीर का भोग लगाएं.
- दिवाली पूजन के लिए मिट्टी या चांदी की मूर्तियों को प्राथमिकता दें.
- पूजा के दौरान घर में शांति और पवित्रता बनाए रखें.
- घर के प्रवेश द्वार पर कुमकुम और हल्दी से स्वास्तिक बनाएं.
- दिवाली के दिन ज्यादा से ज्यादा दीए जलाएं.
- अपने घर पर सात्विक भोजन बनाएं.
दिवाली में सजे बाजार