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पांडुपोल व भर्तृहरि का लक्खी मेला शुरू, केन्द्रीय वन मंत्री ने की शिरकत, कही ये बात - Pandupol and Bhartrihari fair

अलवर के सरिस्का क्षेत्र में पांडुपोल और लोकदेवता भर्तृहरि के लक्खी मेले का शुभारंभ सोमवार को हुआ. केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा ने मेला का आगाज किया.

PANDUPOL AND BHARTRIHARI FAIR
पांडुपोल और भर्तृहरि का लक्खी मेले (ETV Bharat ALWAR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 9, 2024, 6:42 PM IST

पांडुपोल और भर्तृहरि का लक्खी मेले (ETV Bharat ALWAR)

अलवर: ऐतिहासिक पांडुपोल और लोकदेवता भर्तृहरि के लक्खी मेले का शुभारंभ सोमवार को हुआ. पांडुपोल मेले का केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव और प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा ने फीता काटकर किया. वहीं भर्तृहरि धाम पर लक्खी मेले के शुभारंभ पर दोनों मंत्रियों के साथ ही विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली भी मौजूद रहे.

केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा सुबह सरिस्का गेट से जिप्सी में सवार होकर पांडुपोल हनुमान मंदिर पहुंचे. यहां ऐतिहासिक पांडुपोल हनुमान मंदिर में उन्होंने पूजा अर्चना की. इसी के साथ ही तीन दिवसीय लक्खी मेले की शुरुआत हुई. इस दौरान केन्द्रीय व प्रदेश के वन मंत्री ने रास्ते में जगह-जगह सरिस्का जंगल का भी जायजा लिया. उन्होंने देश, प्रदेश और अलवर जिले में सुख शांति की मंगल कामना की. बाद में केंद्रीय मंत्री यादव, प्रदेश के वन मंत्री शर्मा और प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली लोकदेवता भर्तृहरि धाम पहुंचे. यहां उन्होंने भर्तृहरि बाबा प्रतिमा के समक्ष धोक लगाई और हवन किया.

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इस मौके पर मेला कमेटी की ओर से केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और राज्य वन मंत्री संजय शर्मा का माला व साफा पहनकर स्वागत किया. तीनों नेताओं ने पूजा-अर्चना कर मेले की शुरुआत की और भर्तृहरि धाम पर ध्वजपताका चढ़ाई. सरिस्का क्षेत्र में स्थित पांडुपोल और भर्तृहरी मेला 9 से 12 सितंबर तक चलेगा.

महाराजा भर्तृहरि की कृपा से ही सांसद बना :लोकदेवता भर्तृहरि के लक्खी मेले की शुरुआत कर केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि महाराजा भर्तृहरि की कृपा से ही वे सांसद बने हैं. चुनाव के दौरान वे भर्तृहरि धाम आए थे और मत्था टेका थे. यह मेला अलवर का सबसे बड़ा मेला है. महाराजा भर्तृहरि का आशीर्वाद लेने और सभी से मिलने के लिए वे यहां आए हैं.

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