कोटा: जिले की सुकेत थाना पुलिस ने 57 साल पहले हुई हत्या के एक प्रकरण का खुलासा किया है. पुलिस ने हत्या को अंजाम देने वाले व्यक्ति को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. उसकी उम्र अब 77 साल हो गई है. वह 57 साल पहले कुंभकोट गांव में मारपीट में एक व्यक्ति को घायल करके फरार हो गया था. उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी. ऐसे में उसके खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज हो गया था. रामगंजमंडी से फरार होने के बाद प्रभुलाल दिल्ली में नाम और सारी जानकारी बदलकर प्रेम सागर बनकर रहने लगा. उसने वेशभूषा भी बदल ली थी.
कोटा ग्रामीण के एसपी सुजीत शंकर ने बताया कि कुंभकोट गांव में वर्ष 1968 में प्रभु लाल ने भवाना नामक व्यक्ति पर हमला कर दिया था. इस मामले में उसके मामा राम प्रताप दर्जी ने 11 मई 1968 को रामगंज मंडी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. इस मामले में आरोपी प्रभुलाल की काफी तलाश की गई, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. वह अपने परिवार को लेकर ही यहां से फरार हो गया था. इसके बाद साल 1971 में उसे मफरुर घोषित कर दिया गया. उस पर इनाम भी 25 हजार रुपए कर दिया था.
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उन्होंने बताया कि सुकेत थाना बनने पर रामगंज मंडी से फाइल ट्रांसफर होकर वहां पहुंच गई. हाल ही में पुराने मामलों में कार्रवाई और पेंडेंसी खत्म करने का काम चल रहा था. ऐसे में मुखबिर और अन्य लोगों से सूचना मिली थी कि आरोपी दिल्ली में रहता है. इसके बाद उसके बारे में पड़ताल शुरू की गई और उसे दिल्ली के मंगोलपुरी से गिरफ्तार किया गया. हालांकि घटना को 57 साल हो गए और वर्तमान में उसकी उम्र 77 साल हो गई है.
दिल्ली में करता था ठेकेदारी, रिश्तेदारों से नहीं था संपर्क:सुकेत थाना अधिकारी छोटू लाल ने बताया कि आरोपी प्रभुलाल ने दिल्ली में अपना नाम बदलकर प्रेमसागर रख लिया था. वह ठेकेदारी करने लगा था. वह फरारी के समय अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर भी चला गया था. वहां जाकर उसने अपनी जाति भी बदल ली.प्रभुलाल ने ठेकेदारी से होने वाली आय से मकान बना लिया था. उसके बच्चों की भी शादी हो गई है और पोते पोती भी हो गए हैं. इन दिनों बुजुर्ग होने के कारण वह घर पर ही रहने लगा था. इस बीच उसने अभी तक कोटा जिले में रहने वाले किसी रिश्तेदार से संपर्क नहीं किया था, लेकिन पुलिस के मुखबिर तंत्र के कारण उसका पता लग गया और वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया.