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कोटा संभाग को सेंट्रल यूनिवर्सिटी, IT हब से लेकर एयरपोर्ट के बजट की आस, उपज को विदेशों में निर्यात करने के लिए मिले प्लेटफॉर्म - UNION BUDGET 2025

कोटा संभाग को केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं. कोटा में सेंट्रल यूनिवर्सिटी, आईटी हब और एग्रीकल्चर की नई इंडस्ट्री विकसित होने की आस है.

Union Budget 2025
कोटा को बजट से आस (ETV Bharat Kota)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2025, 3:21 PM IST

कोटा :केंद्रीय बजट 1 फरवरी को आने वाला है और कोटा संभाग को भी इससे काफी उम्मीदें हैं. इसके तहत कोटा में सेंट्रल यूनिवर्सिटी, आईटी हब और एग्रीकल्चर की नई इंडस्ट्री विकसित होने की आस है. कोटा एयरपोर्ट की डीपीआर तैयार हो गई. इसके लिए टेंडर लगाया जाना है. यह एयरपोर्ट 1500 करोड़ से निर्मित होगा. इस बजट में इसके लिए पैसा जारी होने की उम्मीद है. दूसरी तरफ हाड़ौती के पर्यटन स्थलों को सर्किट बनाकर जोड़ना चाहिए. इसमें कोटा के अलावा बारां, बूंदी और झालावाड़ के छिपे हुए पर्यटन स्थलों को भी केंद्र सरकार आगे बढ़ाए. मध्य प्रदेश में गांधी सागर डैम के नजदीक बना रहे चीता कॉरिडोर से हाड़ौती के रिजर्व को भी जोड़ा जाना चाहिए.

बेंगलुरु की तर्ज पर कोटा बने नया आईटी हब: भामाशाह कृषि उपज मंडी की ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी का कहना है कि कोटा में अकोमोडेशन के लिए कोई कमी नहीं है. इसके अलावा सिंगल रूम भी बड़ी संख्या में मौजूद है. ऐसे में कोटा को बेंगलुरु की तर्ज पर आईटी हब बनाना चाहिए. वैसे भी अब वहां काफी भीड़भाड़ जैसा माहौल हो गया है. वहां टेक कंपनियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इसीलिए अब नई जगह तलाशने का काम शुरू होगा और यह काम कोटा पूरा कर सकता है. इसको लेकर केंद्र सरकार को अपने बजट में नई आईटी हब के रूप में कोटा की घोषणा करनी चाहिए. यहां पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी के साथ-साथ अन्य क्षेत्र में मैनपावर ट्रेनिंग सेंटर भी खुलना चाहिए, जहां पर रिसर्च के साथ-साथ एआई बेस्ड एप्लीकेशन पर काम हो.

कोटा को सेंट्रल यूनिवर्सिटी की उम्मीद (ETV Bharat (Symbolic))

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टाइगर रिजर्व में पर्यटन बढ़ाने के लिए हो काम:चंबल संसद के समन्वयक बृजेश विजयवर्गीय का कहना है कि बारां जिले का रामगढ़ क्रेटर देश का पहला अधिसूचित भू-विरासत घोषित किया गया था. ऐसे में वहां पर टूरिस्ट गतिविधि बढ़ाने और इस संबंध में देसी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए काम होना चाहिए. फिलहाल, वहां पर टूरिस्ट के लिए किसी तरह की कोई सुविधा नहीं है. इस भू-विरासत को अलग-अलग जगह से देखने की सुविधाएं विकसित होनी चाहिए. यहां तक पहुंचाने के लिए टूरिस्ट को सुविधा भी मिलनी चाहिए. कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और बूंदी रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में पर्यटन बढ़ाने के लिए भी जनता उम्मीद लगाए बैठा है.

बेंगलुरू की तर्ज पर कोटा बने नया आईटी हब (ETV Bharat (Symbolic))

सेंट्रल यूनिवर्सिटी की दरकार :एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना था कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत फील्ड की रिक्वायरमेंट के अनुसार नए कोर्स और पढ़ाई के साथ प्रैक्टिकल अनुभव बढ़ना चाहिए. कोटा शिक्षा नगरी है, लेकिन एक बड़ी और अच्छी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की दरकार संभाग को है. इसके जरिए नए इनोवेटिव कोर्स करवाए जाएं. यह कोटा या राजस्थान और देश ही नहीं विश्व पटल के मैनपावर की जरूरत के अनुसार हो. सेंट्रल यूनिवर्सिटी आने के बाद यहां की स्थानीय यूनिवर्सिटी को भी उससे मदद मिलेगी. इसके बाद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के साथ-साथ टेक्निकल और ट्रिपल आईटी को भी कई सुविधाएं मिल सकेंगी. सेंट्रल यूनिवर्सिटी के साथ-साथ आपस में कोलैबोरेशन से इन यूनिवर्सिटी में भी कई अच्छे प्रोजेक्ट शुरू होंगे.

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उपज को विदेशों में निर्यात करने के लिए मिले बड़ा प्लेटफॉर्म : भामाशाह कृषि उपज मंडी की ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी का कहना है कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे कोटा से होकर गुजर रहा है. यहां से 4 घंटे में दिल्ली और 8 घंटे में मुंबई जाया जा सकेगा, इसलिए यहां की हरी सब्जी को दोनों बड़े शहरों या फिर इस एक्सप्रेसवे से कनेक्ट अन्य शहरों में चंद घंटे में पहुंचाया जा सकता है. इसको लेकर भी एक बड़ा मार्केट यहां पर बनना चाहिए. इसका लाभ हाड़ौती के लोगों के साथ-साथ किसानों को भी होगा. यहां तक की डिमांड के अनुरूप सब्जी भी यहां के किसान उत्पादित कर सकेंगे. इसी को आगे बढ़ाते हुए एग्रीकल्चर बेस्ड बड़ी इंडस्ट्री यहां पर स्थापित हों, जिसके जरिए हाड़ौती की उपज को विदेश निर्यात किया जा सके. राठी का यह कहना है कि लहसुन और धनिया ही नहीं, यहां की सब्जियां और अन्य उत्पाद भी अच्छी क्वालिटी के हैं. उनको प्रोसेसिंग के जरिए प्रिजर्व रखा जा सके, इसके बाद उन्हें विदेश भेजा जा सके. इसके लिए एक बड़ी इंडस्ट्री या प्लेटफार्म खड़ा होना चाहिए.

टाइगर रिजर्व में पर्यटन बढ़ाने के लिए हो काम (ETV Bharat (Symbolic))

कोटा श्योपुर रेल लाइन को मिले हरी झंडी: कोटा संभाग के चारों जिले रेलवे लाइन से जुड़े हुए हैं. रेलवे में सभी स्टेशनों पर लगातार कार्य भी कर रहा है और अपग्रेडेशन हो रहे हैं. हालांकि, कोटा से श्योपुर रेल लाइन का सर्वे पूरा हो चुका है. ऐसे में इस रेल लाइन के लिए बजट में घोषणा की उम्मीद है. करीब 100 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन का निर्माण करीब 1000 करोड़ से होना है. इसके बाद कोटा से दीगोद होकर श्योपुर से सीधा जुड़ाव रेलवे के जरिए भी हो जाएगा.

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