कोरिया में मादा भालू ने अपने बच्चों को इंसानों के भरोसे छोड़ा, गांव वाले कर रहे देखभाल - baby bear in korea - BABY BEAR IN KOREA
Madhla Villagers Raising Baby Bear कोरिया के देवगढ़ फॉरेस्ट रेंज के पास स्थित मधला गांव के लोग भालू के बच्चों की देखभाल में जुटे हुए हैं. गांव वालों का कहना है कि भालू के बच्चों की शाम दिनभर जंगल में रहती है और देर शाम अपने बच्चों को देखने गांव पहुंचती हैं.
कोरिया:देवगढ़ वन परिक्षेत्र के ग्राम मधला में एक खेत किनारे मादा भालू के दो बच्चे पिछले कई दिनों से इंसानों के बीच नजर आ रहे हैं. पास के जंगल में डटी मादा भालू देर शाम होते ही बच्चों तक पहुंचती है और सुबह होने से पहले ही वह वापस फिर जंगल की ओर चली जाती है. दिन भर ग्रामीणों की भीड़ भालू के शावकों को देखने के लिये लगी रहती है.
जंगल से आया भालू का बच्चा
गांव में भालू के हमले का खतरा:जिस जगह पर मादा भालू के बच्चों को देखा गया, इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मादा भालू अपने साथ बच्चों को लेकर आई होगी. इधर भालू के लगातार गांव के पास आने से भालू के हमले का खतरा भी बना हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि "मादा भालू दीमक की बांबी के चक्कर में घरों के नजदीक पहुंच रही है. उसके नाखून से खरोंचे जाने के निशान भी कई जगह पर बने हुए हैं. मादा भालू शाम होने के बाद अपने बच्चों को देखने जंगल से गांव के पास पहुंचती है."
वन विभाग ने गांव वालों को दी भालू के बच्चों से दूर रहने की सलाह:भालू के बच्चों के खेत किनारे मिलने की खबर पर वन विभाग की टीम वहां पहुंची और ग्रामीणों को इलाके में सतर्कता बरतने और वहां नहीं जाने की समझाइश भी दी. लेकिन ग्रामीण भालू के बच्चों की फोटो खींचने और वीडियो बनाने में लगे हुए हैं. वन विभाग की माने तो भालू के बच्चे को विभाग की टीम ने जंगल में छोड़ा था लेकिन वह फिर से गांव आ गया.
भालू का बच्चा जामुन पेड़ पर चढ़ा हुआ था जिसे शाम के वक्त उतार कर जंगल की ओर सुरक्षित छोड़ा गया था. लेकिन दूसरे दिन वह फिर से गांव पहुंच गया. भालू के बच्चे को ट्री गार्ड की जाली में रखे हुए हैं. -फॉरेस्ट गार्ड, वन विभाग
बता दें कोरिया में भालुओं की संख्या बहुतायत है. गर्मी के दिनों में अक्सर भालू गांव में लगे कटहल के फल और महुआ फल की सुगंध से गांव पहुंच जाते हैं. जिससे गांव में खतरा बना रहता है.