रायपुर: सिट्रस फैमिली में नींबू को महत्वपूर्ण माना गया है. नींबू अचार डालने के साथ ही सलाद और सब्जियों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. नींबू की खेती करने वाले प्रदेश के किसान इसकी देखभाल कैसे करें? किस तरह की सावधानी बरतें? जिससे नींबू का अधिक उत्पादन किसान को मिल सकें. नींबू में अधिक मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है. साल भर नींबू का उपयोग लोग अलग-अलग तरीके से करते हैं. नींबू का उद्यान लगाने वाले किसानों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा. इसके साथ ही इसकी देखभाल कैसे करनी चाहिए? इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम दास साहू से बातचीत की.
जानिए क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक: बातचीत के दौरान डॉ घनश्याम दास साहू ने कहा कि, "नींबू की जो टेढ़ी-मेढ़ी शाखाएं होती है, उसमें बहुत जल्द कीटनाशक का प्रकोप दिखाई देता है. इसके साथ ही टेढ़ी-मेढ़ी शाखा या जिन शाखाओं में धूप नहीं पड़ता, ऐसी शाखाओं को किसानों को समय-समय पर कटाई छटाई करना भी जरूरी है. नींबू की साइ शरबती, प्रमालनी, विक्रम, पंत लेमन और कोकण लेमन जैसी किस्म को किसानों को खाद प्रबंधन करना बहुत जरूरी होता है. प्रदेश के किसान चार-चार मीटर की दूरियों में नींबू का उद्यान लगाए हैं, तो समय-समय पर खाद और उर्वरक का छिड़काव भी नींबू में करना चाहिए. 7 से 10 वर्ष की जो नींबू के पेड़ हैं, उसमें जैविक और रासायनिक खाद का छिड़काव भी करना चाहिए."