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स्वच्छता की मिसाल बनीं मसौढ़ी की खूशबू, घर-घर जाकर लोगों से कर रहीं शौचालय बनवाने की अपील

मसौढ़ी में एक 15 साल की लड़की लोगों को स्वच्छता अभियान से जोड़ रही है. वो घर में शौचालय बनवाने की अपील कर रही हैं.

Khushbu Of Masaurhi Honored
लोहिया स्वच्छता अभियान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 5 hours ago

मसौढ़ी: बिहार में गांव-गांव में लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत सरकार लोगों को खुले में शौच मुक्त करने को लेकर कई अभियान चला रही हैं. वहीं पटना से सटे मसौढ़ी की मीरचक गांव की रहने वाली 15 वर्षीय खुशबू कुमारी मिसाल कर रही हैं. वो बिना किसी सरकारी सहायता या किसी के मदद से अपने बलबूते पिछले 4 सालों से गांव-गांव में घूमकर लोगों को बाहर खुले में शौच ना करने और घर में ही शौचालय बनवाने को लेकर प्रेरित कर रही हैं.

खुशबू ने अपने घर से की शुरुआत: मसौढ़ी प्रखंड के मीरचक गांव निवासी रामप्रवेश रविदास की पुत्री खुशबू कुमारी गांव के प्राथमिक विद्यालय में जब आठवीं कक्षा में पढ़ती थी. तब बीते साल उसने अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए अपनी मां आशा देवी से जिद की. हालांकि घर में आर्थिक तंगी के कारण उसकी मां ने शौचालय बनवाने से मना कर दिया. इसके बाद भी खुशबू जिद्द पर अड़ी रही, उसने घर में खाना भी छोड़ दिया. बाद में खुशबू की जिद के आगे उसके माता-पिता हार गये और घर के गहने बेचकर शौचालय बनवाया.

बीडीओ ने किया सम्मानित: खुशबू का कारवां अपने घर से शुरू हो गया था. अपनी कई सहेलियों के संग गांव में घूम-घूमकर गीत गाते हुए वो गांव वालों को भी अपने घरों में शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित करती है. इसका असर यह हुआ कि गांव के हर घर में शौचालय बनना शुरू हो गया. इसकी जानकारी जब प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ कृष्णमुरारी को हुई तो वे खुशबू के घर पहुंच पहले तो उसे सम्मानित किया, फिर उसे राज्य स्तरीय सम्मान दिलवाने के लिए राज्य सरकार से अनुशंसा कर दी.

मनोज वाजपेयी ने किया सम्मानित: बीते साल 18 अप्रैल को खुशबू को पटना में सम्मानित किया गया. उसके बाद लोहिया स्वच्छता बिहार अभियान के तहत मुंबई में बॉलीवुड के सुपरस्टार मनोज वाजपेयी के द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया. यह कारवां लगातार पिछले 4 सालों से चल रहा है. मीरचक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि आज खुशबू बारहवीं क्लास में पढ़ती हैं और आज भी गांव-गांव में जाकर लोगों को खुले में शौच न जाने और घर में शौचालय बनवाने को लेकर प्रेरित कर रही हैं.

"हमारे गांव की बेटी खुशबू कुमारी जब आठवीं कक्षा में थी तभी से गांव के लोगों को शौच मुक्त अभियान के प्रति जागरूक कर रही हैं. आज वह बेटी 12th क्लास में पढ़ती हैं. इसके सार्थक प्रयासों से आज हर गांव में शौचालय बना है. गांव की महिलाएं अब बाहर नहीं जाती है और सरकार ने भी उसे सम्मानित किया है."-इंदल पासवान, शिक्षक, मीरचक प्राथमिक विद्यालय

निस्वार्थ भाव कर रही काम:खुशबू ने बताया कि जब वह आठवीं कक्षा में पढ़ती थी तभी से अपने आसपास के दर्जनों गांव में जा जाकर गीत गाकर स्वच्छता अभियान से लोगों को जोड़ने कोशिश करती थीं. वो लोगों को खुले में शौच ना जाने को लेकर और घर में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करती थी. इसके लिए ना उन्हें किसी संस्था और ना ही सरकारी मदद की आवश्यकता पड़ी है. वो खुद अपने ही निस्वार्थ भाव से घूम-घूमकर लोगों को अपील करती हैं.

"मैं पिछले 4 सालों से लोगों को बिना किसी सरकारी सहायता या किसी के मदद के अपने बलबूते से गांव-गांव में घूमकर बाहर खुले में शौच ना करने और घर में ही शौचालय बनवाने को लेकर प्रेरित कर रही हूं."- खुशबू कुमारी

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