बेशकीमती रत्नों का खजाना महल म्यूजियम (वीडियो : ईटीवी भारत) जयपुर. हर साल 18 मई को संग्रहालय और इतिहास के प्रति जागरूकता के लिए वर्ल्ड म्यूजियम डे मनाया जाता है. देश भर में ऐसे कई म्यूजियम हैं, जिनमें इतिहास की यादों को संजोकर रखा गया है, लेकिन राजधानी में एक ऐसा म्यूजियम है, जिसमें दुनिया भर के बेशकीमती रत्नों का खजाना देखने को मिलता है. जयपुर के खजाना महल म्यूजियम में पत्थरों से निकलकर जेम स्टोन बनने और फिर गहनों में ढलने तक का सफर दिखाया गया है. खजाना महल म्यूजियम में देश-दुनिया के 400 प्रकार के 20,000 से अधिक जेमस्टोन देखे जा सकते हैं. एक ही छत के नीचे पूरे विश्व में पाए जाने वाले स्टोन यहां पर है. उल्का पिंड और टूटता तारा भी यहां देखने को मिलता है.
विश्वभर के 400 तरह के स्टोन यहां मौजूद :जयपुर रत्नों का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है. जयपुर की जेम्स स्टोन और अन्य स्टोन ज्वेलरी पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है. जयपुर के हेरिटेज बाजारों में ऐसी सैकड़ों गद्दिया हैं, जहां पर जेम्स और स्टोन का देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी आयात-निर्यात होता है. सभी तरह की वैरायटी एक ही जगह पर हो पाना नामुमकिन रहता है, लेकिन पूरे विश्व में पाए जाने वाले स्टोन एक ही छत के नीचे जयपुर में जलमहल के पास गुर्जर घाटी में खजाना महल म्यूजियम में मौजूद है. खजाना महल में स्टोन की पूरी जर्नी दर्शाई गई है. पत्थरों से निकलकर जेम स्टोन बनने और फिर गहनों में ढलने तक का सफर यहां दिखाया गया है. खजाना महल म्यूजियम में देश दुनिया के 400 प्रकार के 20,000 से अधिक जेम स्टोन देखे जा सकते हैं. कई एंटीक जेम स्टोन खजाना महल में दिखाए गए हैं.
111 किलो की अंगूठी भी यहां मौजूद (फोटो : ईटीवी भारत) दुनिया की सबसे बड़ी रिंग और डायनासोर की हड्डी : खजाना महल के फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि खजाना महल में दुनिया भर की अनोखी और बेशकीमती चीजें दर्शाई गई हैं. खजाना महल में सेमी प्रेशियस स्टोन से बनी 111 किलो की दुनिया की सबसे बड़ी रिंग मौजूद है. खजाना महल में उल्का पिंड का टुकड़ा, करोड़ों साल पुरानी डायनासोर की हड्डी, कोहिनूर का रेप्लिका, शार्क मछली का दांत समेत कई एंटीक चीजें रखी हुई है. खजाना महल म्यूजियम में बॉलीवुड एक्ट्रेस और एक्टर की फेमस फिल्मों में पहनी हुई ज्वेलरी शोकेस की गई है. रूबी स्टोन से बने एनिमल आर्ट भी यहां पर मौजूद है. म्यूजियम में जेमस्टोन जैसे नायाब पत्थरों के गहनों में ढ़लने का सफर बताने के लिए थिएटर में 8 मिनट की फिल्म दिखाई जाती है. खजाना महल में नवग्रह के सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, राहु और केतु स्टोन के जरिए दिखाए गए हैं. खदानों से निकले विभिन्न आकारों के स्टोन भी म्यूजियम में दर्शाए गए हैं. रूबी स्टोन पर खजुराहो की शिल्पकारी को उकेरा गया है. 5000 किलो के साउथ इंडियन रूबी स्टोन को सिंहासन की शक्ल दी गई है. इस म्यूजियम में नायाब पत्थरों के इतिहास को जानने का मौका मिलता है.
यह है जयपुर का खजाना महल म्यूजियम (फोटो : ईटीवी भारत) इसे भी पढ़ें-यहां बसता है 40 देशों की गुड़ियों का संसार, जयपुर का डॉल म्यूजियम है खास - International Museum Day 2024
स्टोन से लेकर ज्वेलरी तक का पूरा सफर :खजाना महल में स्टोन की पूरी जर्नी है. स्टोन से लेकर ज्वेलरी तक का पूरा सफर इस खजाना महल म्यूजियम में दर्शाया गया है. जिस स्टोन के बारे में केवल सुना है, वो सारे स्टोन यहां पर देख सकते हैं. उल्का पिंड और टूटता तारा भी यहां पर मौजूद है. 3000 साल पुराने फॉसिल्स भी यहां देख सकते हैं. शार्क मछली का दांत भी यहां दर्शाया गया है. केवल नाम सोचिए, वो स्टोन यहां पर आपको देखने को मिलेगा. ज्वेलरी के जितने भी प्रकार होते हैं, वो सभी यहां पर देखने को मिलेंगे. विश्व के दुर्लभ हीरों की रेप्लिका भी यहां मौजूद है. कोहिनूर हीरे का रेप्लिका भी यहां देखने को मिलेगी.
20 हजार से ज्यादा स्टोन मौजूद है यहां (फोटो : ईटीवी भारत) 111 किलो की अंगूठी और 6 लाख कैरेट रूबी का पत्थर : अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि अंगुली में पहने जाने वाली दुनिया के सबसे बड़ी रिंग यहां देखने को मिलेगी. इस बड़ी अंगूठी का वजन 111 किलो है व 3.5 फीट की हाइट है. रूबी स्टोन की काफी एक्सक्लूसिव चीजें भी खजाना महल में हैं. यहां एक 6 लाख कैरेट रूबी के पत्थर का स्टेच्यू बना हुआ है, जो कि सूर्य भगवान का स्टेच्यू है. रूबी स्टोन से सूर्य भगवान का स्टेच्यू बनाने में 4 साल का समय लगा है.
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पानी में तैरने वाले राम सेतु के पत्थर : अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि खजाना महल एक ऐसा अनूठा म्यूजियम है, जिसमें पत्थर से लेकर ज्वेलरी तक के पूरे सफर की जानकारी दी गई है. खजाना महल में समझ में आएगा कि पत्थर का हमारे जीवन में क्या महत्व है. चाहे वह कोहिनूर डायमंड हो या फिर रूबी का पत्थर हो. रामसेतु स्टोन भी यहां पर देखने को मिलेगा. भगवान श्रीराम को जब लंका पार करनी थी, तो रामसेतु के पत्थर का उपयोग किया गया था. पानी में तैरने वाले राम सेतु के पत्थर यहां पर मौजूद हैं. खजाना महल में एक सिनेमा हॉल भी तैयार किया गया है, जिसमें दर्शकों को म्यूजियम और स्टोन के बारे में बताया जाता है.
बॉलीवुड फिल्मों की ज्वेलरी भी यहां दिखाई गई (फोटो : ईटीवी भारत) बॉलीवुड फिल्मों की ज्वेलरी भी : अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि बॉलीवुड की भी काफी ज्वेलरी म्यूजियम में लगाई गई है. कई फिल्मों में दिखाई गई ज्वेलरी को यहां म्यूजियम में दर्शाया गया है. खजाना महल का सबसे कलरफुल पार्ट दरबार हॉल है. दरबार हॉल में चार सेट लगाए गए हैं. एक सेट पर बॉलीवुड की ज्वेलरी दिखाई गई है. दूसरे सेट पर सोलह श्रृंगार, तीसरे सेट पर कुंदन मीना दिखाया गया है. कुंदन मीना जयपुर की खास पहचान है. चौथे सेट में ट्राइबल ज्वेलरी को दिखाया गया. ट्राइबल ज्वेलरी यानी घास फूस से बनने वाली ज्वेलरी होती है.