खरगोन।मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में आदिवासी भिलाला समाज की अनोखी परंपरा है. बुधवार को इसी परंपरा के तहत हुए आयोजन में बड़ी संख्या में आसपास के जिलों से भी कई लोग पहुंचे. होली के बाद प्रत्येक 2 वर्ष के अंतराल से सप्तमी पर किए जाने वाले इस आयोजन में एक खंभे पर सात बार गुड़ की पोटली को टांगी जाती है, और उसे सात बार उतारा जाता है. इस दौरान वहां मौजूद महिला और युवतियों की भीड़ गुड़ की पोटली उतारने वाले युवकों पर जमकर सोंटे बरसाती हैं, जिससे बचते हुए उन्हें इस काम को पूरा करना होता है.
गुड़ तोड़ परम्परा देखने उमड़े आदिवासी
खरगोन जिले के धूलकोट स्थित बाजार चौक में गुड़ तोड़ परम्परा का आयोजन आदिवासी भिलाला समाज द्वारा किया गया. कार्यक्रम में आदिवासी भिलाला समाज धूलकोट के ही भाग लेते हैं. यहां खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर सहित खंडवा जिले के आसपास के क्षेत्रों से भी लोग देखने पहुंचे. पूजन के बाद गड्ढा खोदकर 12 फीट का खंभा गाड़ा जाता है, जिस पर एक लाल कपड़े में गुड़ व चने की पोटली बांधकर लटका दी जाती है. इसे उतारने के लिए युवाओं की टीम सोटियों के मार से बचकर खंभे तक पहुंचती है. इन पर युवतियों व महिलाओ द्वारा सोटें बरसाए जाते हैं. गुड़ को सात बार पोल पर बांधा और सात बार ही उसे युवाओं की टोलियां द्वारा उतारने के लिए प्रयास किये जाते हैं.
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