रुद्रप्रयाग: केदारनाथ हाईवे पर संगम स्थित सुरंग की पहाड़ी पर एक बार फिर से ट्रीटमेंट का कार्य शुरू हो गया है. इसके प्रथम चरण में जहां सुरंग के भीतर कार्य किया गया. वहीं अब दूसरे चरण में सुरंग की पहाड़ी के डेंजर प्वाइंट से हो रहे भूस्खलन को रोकने को लेकर लोहे के जाले लगाने का कार्य भी शुरू हो चुका है. इस कार्य के पूरा होने के बाद चारधाम यात्रा के दौरान बरसाती सीजन में तीर्थयात्रियों के साथ ही आम राहगीरों को आवागमन में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. हालांकि सुरंग के ट्रीटमेंट कार्य से वाहन स्वामियों को पांच किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है. जबकि आस-पास के ग्रामीण लोग पैदल दूरी नापने को मजबूर हैं.
चारधाम यात्रा के दौरान बरसाती सीजन में केदारघाटी की जनता और तीर्थयात्रियों को राहत देने को लेकर केदारनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग संगम स्थित 60 मीटर सुरंग की पहाड़ी पर रॉक फॉल बैरियर का कार्य शुरू हो चुका है. ऐसे में 1952 में बनी इस सुरंग पर एक महीने तक आवाजाही बंद कर दी गई है. एनएच लोनिवि की ओर से प्रथम चरण में जहां सुरंग के भीतर की मरम्मत का कार्य किया गया. वहीं सोमवार से सुरंग की पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन को रोकने को लेकर सुरक्षात्मक जाले लगाने का कार्य शुरू किया गया.
इस कार्य की पूरी लागत 4 करोड़ 70 लाख बताई जा रही है. इसके प्रथम चरण में सुरंग के भीतर लाइनिंग, सड़क ट्रीटमेंट का कार्य किया गया, जबकि अब सुरंग के बेलनी की तरफ 190 मीटर और लोनिवि कार्यालय की तरफ 30 मीटर रॉक फॉल बैरियर का कार्य किया जाएगा. ड्रिल मशीन से पहाड़ी में छेद करते समय लूज बोल्डर गिर जाते हैं. ऐसे में विभाग की ओर से राजमार्ग पर आवाजाही को बंद करवाया गया है. जिस कारण लोगों को पांच किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है. सुरंग बंद रहने से नैल, जागतोली, माई की मंडी, जवाड़ी सहित भरदार पट्टी की जनता पैदल आवाजाही करने को मजबूर हैं, जबकि केदारघाटी को जाने और वहां से आने वाले वाहन पांच किमी का अतिरिक्त आवागमन कर रहे हैं.