बिलासपुर:करीब 2 हजार करोड़ के छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया. कवासी लखमा बुधवार 11 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे थे. वहां लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने पूर्व मंत्री को गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने कवासी लखमा की मेडिकल जांच के बाद उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां से लखमा को 21 जनवरी तक रिमांड पर भेज दिया गया. ईडी का आरोप है कि कांग्रेस शासनकाल में आबकारी मंत्री रहते हुए पूर्व मंत्री को हर महीने 2 करोड़ रुपये दिए जाते थे.
शराब घोटाले में लखमा की गिरफ्तारी पर सीएम साय: पूर्व मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर सीएम विष्णुदेव साय ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि नियम सभी के लिए बराबर है. सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच ईडी कर रही है. शराब घोटाले में करीब 2000 करोड़ के घोटाले की आशंका है. इसमें जो भी कार्रवाई करनी होगी वो ईडी करेगी.
सीएम विष्णुदेव साय (ETV Bharat Chhattisgarh)
कांग्रेस के बदले की भावना से की गई कार्रवाई के आरोपों पर सीएम साय ने कहा "सबके लिए नियम बराबर है. जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी."
"पंचायती राज अधिनियम में संशोधन गलत नहीं": पंचायती राज अधिनियम में संशोधन के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका पर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा जो आरक्षण लागू हुआ है ये सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद लागू किया गया है. कोर्ट जाने का सभी को अधिकार है. सीएम ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम में संशोधन करना गलत नहीं है. पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद का गठन कर छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों से काफी अच्छा काम किया गया. कई प्रदेशों में ऐसा प्रयास नहीं हुआ जिसके बाद वहां ओबीसी का आरक्षण जीरो कर दिया गया. सीएम ने ये बातें बिलासपुर दौरे के दौरान कही.
बता दें कि सूरजपुर जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश रजवाड़े ने पंचायती राज अधिनियम में संशोधन को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका लगाई है.
याचिका में क्या है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका के मुताबिक, पांचवी अनुसूची में शामिल जिलों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण प्रदान करने वाली छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 129(ड.) की उपधारा (03) को लोप करने के लिए पिछले साल 3 दिसंबर को सरकार ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश -2024 को लाया. भारत के संविधान की अनुच्छेद 213 में निहित प्रावधान के तहत कोई भी अध्यादेश अधिकतम छह माह की अवधि तक ही क्रियाशील होता है अथवा विधानसभा के आगामी सत्र में अनिवार्य रूप से प्रस्ताव पारित कर अधिनियम का रूप दिलाना होता है, जिसमें छत्तीसगढ़ शासन ने गंभीर चूक की है.
याचिका के मुताबिकअध्यादेश जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा के सत्र 16.01.2024 से 20.01.2024 के बीच इस महत्वपूर्ण अध्यादेश को पारित नहीं कराते हुए सिर्फ विधानसभा के पटल पर रखा गया.जिसके कारण अध्यादेश वर्तमान में विधिशून्य/औचित्यविहीन हो गया है. ऐसी स्थिति में वर्तमान में संशोधन के आधार छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम (5) में 24.12.2024 को किया गया संशोधन पूर्णतः अवैधानिक हो गया है.
बिलासपुर में सेवा सदन का शुभारंभ (ETV Bharat Chhattisgarh)
बिलासपुर में सेवा सदन का शुभारंभ:बिलासपुर प्रवास के दौरान सीएम साय ने नूतन कॉलोनी नया सरकंडा ने बेलतरा विधायक कार्यालय में सेवा सदन का शुभारंभ किया. सेवा सदन में हर रोज आम लोगों की समस्याएं सुनी जाएगी और उनके निराकरण की दिशा में काम किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने नए और व्यवस्थित कार्यालय के लिए विधायक सुशांत शुक्ला और बेलतरा विधानसभा क्षेत्र की जनता को बधाई और शुभकामनाएं दी. सीएम ने कहा कि जनता को अब अपनी समस्याओं को लेकर इधर उधर भटकने की जरूरत नहीं होगी. उनकी सुनवाई सेवा सदन में होगी.