कौशाम्बी : जिले की एक पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाकों और आग से तीन लोगों की जान चली गई थी. इसमें एक शख्स के दो बेटों का तिलक और शादी तय थी. पिता की अचानक मौत से घर में कोहराम मचा हुआ है. वहीं, पीड़ित परिजनों ने मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग को लेकर शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. इस पर हालात असामान्य हो गए. इसके बाद प्रशासन व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिवार के लोगों को समझा बुझाकर आश्वासन देकर अंतिम संस्कार के लिए राजी किया. वहीं, इस घटना में सात लोगों की मौत हो चुकी है. आठ लोग गंभीर रूप से घायल हैं, उनका इलाज चल रहा है.
घटना कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्बे के खलीलाबाद मोहल्ले की है. जहां भरवारी के रहने वाले शराफत अली न्यू रंगोली फायर वकर्स के नाम की फैक्ट्री का संचालन करते हैं. रोज की तरह रविवार को भी पटाखा फैक्ट्री में मजदूर काम कर रहे थे. तभी पटाखा फैक्ट्री में अचानक धमाके शुरू हो गए. धमाकों की आवाज से पूरा इलाका दहल उठा. आननफानन लोग घटनास्थल से दूर भागने लगे. इन धमाकों और आग की चपेट में आने से फैक्ट्री मालिक शराफत अली के बेटे शाहिद, अमहा गांव के रहने वाले अशोक कुमार पटेल (50), शिव नारायण पुत्र भोला (25), शिवाकांत पुत्र राम भवन (19), बैरिहा गांव निवासी जयचंद्र उर्फ दिन्ना पुत्र पुनी पटेल, चमन्धा गांव निवासी हरी लाल व सोने लाल पुत्र छोटे लाल की मौत हो गई.
अशोक के दोनों बेटों की होने वाली है शादीःअमहा गांव के रहने वाले अशोक कुमार पटेल के बड़े बेटे राजेश और छोटे बेटे दिनेश की शादी तय थी. राजेश का तिलक समारोह सात मार्च और शादी 12 मार्च को होनी है. छोटे बेटे दिनेश की शादी 15 अप्रैल को है. अशोक दोनों बेटों की शादी के लिए काफी उत्साहित था, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. रविवार को हुए विस्फोट में उसकी जान चली गई और खुशियां के घर में मातम पसरा गया. सोमवार को जैसे ही अशोक का शव घर पहुंचा तो घर में कोहराम मचा गया. बेटों ने किसी तरह पिता का अंतिम संस्कार किया. दिनेश पटेल ने बताया कि मेरे बड़े भाई राजेश का तिलक सात मार्च व बारात 12 मार्च को तय है. जिसकी तैयारी में हम सभी लोग जुटे हुए थे. पिता लगातार मेहनत करके वैवाहिक कार्य के लिए सामान जुटा रहे थे. पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट ने पिता की जान चली गई है. इससे हम सभी का हौसला टूट गया है. हम सरकार से चाहते हैं कि हमें उचित मुआवजा दिया जाए. जिससे हम अपना और परिवार के भरण पोषण कर सकें.