नवादा : लोक समिति के राष्ट्रीय संयोजक कौशल गणेश आजाद ने कहा है कि नवादा में दलितों के घर को फूंक देना प्रशासन के लापरवाही और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. आजाद ने कहा कि कृष्णानगर देदौर के दलितों को पुनर्वासित किया जाना चाहिए. बिजली की व्यवस्था की जानी चाहिए. बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था होनी चाहिए.
''जो दोषी हैं उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए. अधिकारियों के हिला-हवाली, टाल-मटोल रवैए पर अंकुश लगाने के लिए कड़ा कानून की आवश्यकता है.''-कौशल गणेश आजाद, राष्ट्रीय संयोजक, लोक समिति
'1995 के पहले से बसे हैं दलित' :कौशल गणेश आजाद ने कहा कि जिस जमीन पर दलित लोग बसे हुए हैं उस जमीन पर 1995 से मुंसिफ कोर्ट, नवादा में मुकदमा चल रहा है. स्पष्ट है कि 1995 से पहले से ही वहां दलित बसे हुए हैं. जिस जमीन पर बसे हुए हैं उसका खाता नंबर 226, प्लॉट नंबर 2278 , 2470 और रकवा 15 एकड़ 59 डीसमील है.
''मुकदमा शुरू होने के पहले अधिकारियों को बासगीत पर्चा के लिए आवेदन दिया गया था. अधिकारियों की टाल-मटोल रवैया, संवेदनहीनता और लापरवाही के कारण बासगीत पर्चा नहीं बना और आज वहसियान हमला दलितों पर हुआ.''-राजु रविदास, कृष्णानगर निवासी
क्या हुआ था उस दिन? : बता दें कि 18 सितंबर कृष्णानगर देदौर के दलितों के लिए कयामत का दिन था. दलितों को बसे जमीन से बेदखल करने, जमीन पर जबरन कब्जा करने के लिए शाम में कई घरों में आग लगा दी गई. आग की लपटें इतनी तेजी से फैली कि देखते-ही-देखते घर में रखे अनाज, कपड़े, बर्तन जलकर राख हो गए.