अंबेडकरनगर: कटेहरी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को बड़ी जीत मिली है. भाजपा के धर्मराज निषाद ने सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा को हराकर कटेहरी में 34 साल बाद कमल खिलाया है. इसके पहले 1990 में भाजपा को यहां पर जीत मिली थी. तब से हार का मुंह ही देखना पड़ रहा था. धर्मराज निषाद ने सपा की शोभावती वर्मा को 33831 वोटों से मात दी है. धर्मराज निषाद को 103137 मत, सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा को 69309 मत मिले.
भाजपा के धर्मराज की जीत के बाद राजनीतिक विशलेषक मान रहे हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी PDA की रणनीति उपचुनाव में बुरी तरह फेल साबित हुई है. यही कारण है कि पार्टी को उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. नहीं तो लोकसभा चुनाव 2024 में सपा ने PDA का दांव खेलकर अंबेडकरनगर, फैजाबाद और पूर्वांचल के इस इलाके की अधिकांश सीटों पर भाजपा को करारी हार दी थी.
समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में PDA पॉलिटिक्स के तहत लालजी वर्मा को मैदान में उतारा था. उस समय लालजी वर्मा कटेहरी विधायक थे. लालजी वर्मा और अखिलेश के PDA ने भाजपा की सभी रणनीति को काट दिया. इसका नतीजा ये हुआ कि लालजी वर्मा की लोकसभा चुनाव में जीत हुई और कटेहरी सीट खाली हो गई.
अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद एक बार फिर से PDA की राजनीति कटेहरी में खेली और लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को चुनावी मैदान में उतार कर पिछड़ा पॉलिटिक्स को साधने का प्रयास किया. लेकिन, भाजपा की बदली रणनीति के आगे सपा सांसद लालजी वर्मा का दुर्ग ढह गया और 34 साल बाद कमल खिल गया.