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करनाल के प्रगतिशील किसान नई तकनीक से मालामाल, परंपरागत खेती से तीन गुना ज्यादा मुनाफा

Karnal Progressive Farmers: आधुनिक तकनीक से खेती कर हरियाणा के किसान मालामाल तो हो ही रहे हैं. साथ ही साथ अन्य किसानों के नई तकनीक अपनाने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं. हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले प्रगतिशील किसान महिपाल पिछले 15 वर्षों से नई तकनीक से खेती और बगवानी कर अन्य किसानों के लिए रोल मॉडल के रूप में उभर रहे हैं. आखिर महिपाल ने खेती में महारत कैसे हासिल की जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Karnal Progressive Farmers
Karnal Progressive Farmers

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 24, 2024, 9:33 PM IST

Updated : Jan 25, 2024, 10:18 AM IST

किसान के खेत से ही दिल्ली यूपी के व्यापारी ले जाते हैं सब्जी

करनाल: हरियाणा एक कृषि आधारित प्रदेश है. हरियाणा के किसानों की बदौलत हरियाणा का नाम देश ही नहीं विदेश में भी कृषि के लिए जाना जाता है. क्योंकि, यहां के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. खेती को अब मुनाफे का सौदा बना रहे हैं. ऐसे ही एक करनाल के तखाना गांव के रहने वाले किसान है जो पिछले 15 वर्षों से बागवानी की खेती करते आ रहे हैं यह बागवानी की खेती वह नई तकनीक से कर रहे हैं जिसमें वह अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, एक अच्छी खेती करने के चलते हैं अब यह किसान हरियाणा और दूसरे प्रदेश के किसानों के लिए रोल मॉडल बने हुए हैं.

पिछले 15 सालों से बागवानी और खेती कर रोल मॉडल बने महिपाल: करनाल के ताखाना गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान महिपाल हरियाणा में बागवानी और खेती में किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं. महिपाल ने कड़ी मेहनत और नई तकनीक से बागवानी को नया आयाम देने का काम किया है. महिपाल करेला, बैंगन, टमाटर, लौकी और कई तरह की सब्जियों के साथ अमरूद की बागवानी कर रहे हैं. उनके पास 10 एकड़ जमीन खुद की है, जबकि 7 एकड़ जमीन ठेके पर लेकर खेती कर रहे हैं. शुरुआती समय में उन्होंने भी बागवानी की परंपरागत खेती शुरू की, लेकिन उसमें मुनाफा ज्यादा नहीं होता था जिसके चलते हरियाणा के बागवानी आधुनिक संस्थान में जाकर ट्रेनिंग ली और अपनी बागवानी में नई तकनीक को अपनाया जिसके चलते अब वह एक प्रगतिशील किसान बन चुका है.

आधुनिक तरीके से खेती करके किसान मालामाल.

आधुनिक तरीके से खेती करके किसान मालामाल: किसान का कहना है कि जो किसान धान और गेहूं की फसल लगाते हैं, उन फसलों से ज्यादा मुनाफा नई तकनीक से बागवानी की खेती करके ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि वह सब्जी की एक फसल से एक सीजन में तीन से चार गुना तक मुनाफा लेते हैं. अगर साधारण तौर पर देखा जाए एक एकड़ खेत से धान की फसल करीब 70,000 रुपए की निकलती है, लेकिन वह बागवानी से तीन गुना इस फसल से ज्यादा मुनाफा ले रहे हैं. इसके चलते एक एकड़ फसल से 2 से 3 लाख रुपए की कमाई हो रही है. उन्होंने कहा कि मौसम के अनुसार सब्जियों को लगाना होता है, जिस मौसम में सब्जी की ज्यादा डिमांड होती है उसी आधार पर वह सब्जी लगाया जाता है. ऐसा करने से मंडी भाव भी अच्छा मिलता है और मुनाफा ज्यादा होता है. सब्जियों में फेरबदल करने से ही अच्छी कमाई की जा सकती है.

पिछले 15 सालों से कर रहा बागवानी और खेती कर रहे प्रगतिशील किसान.

किसान के खेत से ही दिल्ली यूपी के व्यापारी ले जाते हैं सब्जी:प्रगतिशील किसानने बताया कि नई तकनीक से खेती करने के चलते उनकी सब्जी की फसल की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है, जिसके चलते व्यापारी उनके खेत से ही उनकी सब्जियां खरीद कर ले जाते हैं. उनके खेत में लोकल व्यापारी सहित दिल्ली और उत्तर प्रदेश के व्यापारी सब्जी लेने के लिए पहुंचते हैं जिसके चलते उनका भाव भी उचित मिल जाते हैं. खेत में ही सब्जी बिक जाने से ट्रांसपोर्ट का खर्च भी बच जाता है जिससे मुनाफा अच्छा हो जाता है.

बैंगन के अलावा करेला, टमाटर, लौकी समेत कई सब्जियों की खेती.

सरकारी योजनाओं का ले रहा है लाभ: बागवानी और खेती खेती करने के चलते सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है. इसमें बीज पर सब्सिडी, टमाटर और करेले में लगने वाले बांस और तार पर सब्सिडी मिलती है. कुछ एकड़ में किसान ने धान भी लगाई थी जो सीधी बिजाई की थी, उस पर भी सरकार की तरफ से प्रति एकड़ ₹4000 अनुदान मिला था. पशुओं के लिए धान की खेती करनी पड़ती है क्योंकि उसकी पराली की आवश्यकता किसान को होती है, लेकिन फसल अवशेष प्रबंधन करने पर भी उसको अनुदान मिला है. इतना ही नहीं 'मेरा पानी मेरी विरासत योजना' के तहत भी प्रति एकड़ ₹7000 का अनुदान सरकार से प्राप्त हुआ है. किसान ने कहा कि सरकार ने ऐसी बहुत सी योजनाएं चलाई हैं, जिसका फायदा किसान उठा सकते हैं. साथ ही अतिरिक्त आमदनी भी बढ़ा सकते हैं. खेतों में सब्जियों में मल्चिंग का प्रयोग करने पर सरकार ने प्रगतिशील किसान महिपाल को अनुदान दिया था.

सूक्ष्म सिंचाई विधि से 30 से 40 फीसदी पानी की बचत.

बागवानी के नए मॉडल आधारित करता है खेती:बता दें किकिसान महिपाल टमाटर और करेले की फसल के लिए नए मॉडल के अनुसार ही खेती कर रहे हैं. इसमें वह टमाटर और करेले के पौधे को बांस के जरिए तारों पर लगाते हैं, जिससे इसकी पैदावार करीब तीन गुना बढ़ जाती है. इसके साथ ही खरपतवार नियंत्रण करने के लिए उसने अपने खेत में मल्चिंग का प्रयोग किया है, जिसमें पूरे खेत में एक पॉलिथीन डाल दिया जाता है जिससे खरपतवार नहीं उगते और उसमें फसल का उत्पादन भी अच्छा होता है.

किसान के खेत से दिल्ली यूपी के व्यापारी ले जाते हैं सब्जी.

पानी बचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई को अपनाया: किसान का कहना है कि हमारे सामने भूमिगत पानी की एक बड़ी समस्या खड़ी हो रही है. इस समस्या से समाधान पाने के लिए हमने बागवानी में पानी की नई तकनीक को अपनाया है. इसमें सब्जी की सिंचाई करने के लिए हमने सूक्ष्म सिंचाई विधि को अपनाया है. इस तकनीक में सब्जी को उतना ही पानी दिया जाता है जितने पानी की उसकी आवश्यकता होती है. इससे 30 से 40% पानी की बचत भी होती है. सूक्ष्म सिंचाई अपने को लेकर सरकार ने प्रगतिशील किसान महिपाल को सम्मानित भी किया है.

करनाल में आधुनिक तरीके से टमाटर की खेती कर रहे महिपाल.

दूसरे किसानों को भी बागवानी अपनाने की सलाह: प्रगतिशील किसान ने अन्य किसानों से भी परंपरागत तरीके को छोड़कर आधुनिक तरीके से खेती करने की अपील की है. ज्यादातर बागवानी की फसल लगानी चाहिए, क्योंकि बागवानी आने वाले समय में हरियाणा और भारत के किसानों का भविष्य है. उसमें किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. अगर कोई सही तरीके से बागवानी की खेती करे तो उसमें अच्छे पैसे कमा कर खेती को मुनाफे का सौदा बन सकता है.

सब्जी की सिंचाई करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई विधि.

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Last Updated : Jan 25, 2024, 10:18 AM IST

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