कानपुर : सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में नजूल की 1000 करोड़ रुपये भूमि की कब्जाने के मामले के कुछ दिनों बाद ही चुन्नीगंज स्थित एपीफैनी स्कूल का मामला सामने आया था. जिस पर प्लॉटिंग करके कब्जे का विवाद है. इस स्कूल की जमीन को लेकर लखनऊ की संस्था के पदाधिकारियों ने दावा किया था कि स्कूल की जमीन पर धोखे से कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया और जब इसकी जांच कराई गई तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है.
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रखर सिंह, तहसीलदार रितेश सिंह व एसीएम सप्तम की टीम ने मंगलवार को जिलाधिकारी को एपीफैनी कंपाउंड स्थित चुन्नीगंज की नजूल की जमीन की रिपोर्ट दे दी है. रिपोर्ट के मुताबिक 1861 में पहली बार ब्रिटिश शासन काल में बालिका अनाथालय के लिए लेडी सुपरिंटेंडेंट समिति का प्रोपेगेशन मिशन की लगभग 30 हजार वर्ग मीटर जमीन 99 साल के पट्टे पर दी गई थी. इसका उद्देश्य मिशन गर्ल्स आर्फनज अर्थात बालिका अनाथालय स्कूल संचालित करना था.
2019 में एलडीटीए के पदाधिकारियों ने बेची जमीन : चुन्नीगंज स्थित हैप्पी फनी कंपाउंड की जमीन की जांच रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ डायोसिस ट्रस्ट संगठन (एलडीटीए) ने यह जमीन चर्च ऑफ इंडिया ट्रस्ट को ₹100 के स्टांप पर लिख दी थी और 2019 में एलडीटीए ने ही 19 हजार वर्ग मीटर खाली जमीन बेच दी. इसमें ही सलीम बिरियानी का भी 450 वर्ग मीटर का प्लॉट मिला है. वहीं 100-100 वर्ग मीटर की और प्लाटिंग भी की गई है. पास ही पुरानी रेलवे की जमीन पर भी मकान बने हैं. बिना डीएम की अनुमति के जमीन-बेची खरीदी जाती रही. बहरहाल जिला प्रशासन के अफसरों ने मामले को भी गंभीरता से लेकर जांच शुरू करा दी है. कानपुर के डीएम राकेश सिंह का कहना है कि शहरभर की नजूल जमीनों की जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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