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कानपुर सीएसजेएमयू ने बढ़ा दी PHD की फीस, 35 हजार की जगह अब देने होंगे 45 हजार रुपये

CSJMU PhD fees : विवि प्रशासन ने इस सत्र से बढ़ाई फीस. एडमिशन ले चुके छात्रों को भी नई दर से चुकाना होगा शुल्क.

छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में बढ़ी फीस.
छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में बढ़ी फीस. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 5, 2024, 1:23 PM IST

कानपुर : छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के प्रशासनिक अफसरों की ओर से इस सत्र से पीएचडी में प्रवेश संबंधी फीस 35 हजार रुपये से बढ़ाकर 45 हजार रुपये कर दी गई है. अब जो छात्र पीएचडी में प्रवेश लेंगे, उन्हें बढ़ी हुई फीस देनी होगी. छात्रों के ऊपर फीस का बोझ डेढ़ गुना तक होगा. इससे वे परेशान हैं. कई छात्रों ने फीस कम करने के लिए कुलपति को पत्र भी लिखा है. विवि प्रशासन के आला अफसरों के मुताबिक अभी तक विवि से तय समय सीमा में छात्र को पीएचडी करने के लिए 67900 रुपये फीस देनी होती थी, वहीं अब शुल्क बढ़कर 1,04,000 रुपये तक पहुंच जाएगा.

पार्ट टाइम पीएचडी भी हुई महंगी : सीएसजेएमयू से पार्ट टाइम पीएचडी करने वाले छात्रों को भी अब अपनी जेब पहले की अपेक्षा ज्यादा ढीली करनी होगी. पार्ट टाइम पीएचडी की फीस को भी 35 हजार रुपये से बढ़ाकर सीधे 50 हजार रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है. वहीं, अब छात्रों को पर्यवेक्षक बदलने के लिए भी 5000 रुपये फीस देनी होगी.

अब बढ़ी फीस से जुड़े इन आंकड़ों को जानिए :पीएचडी में एडमिशन की फीस पहले 35000 थी. अब 45000 कर दी गई है. पीएचडी थीसिस मूल्यांकन की फीस पहले 10000 थी अब 15000 कर दी गई है. दोबारा पीएचडी थीसिस मूल्यांकन पहले 5000 था. अब 10000 हो गया है. पीएचडी वायवा पहले 6000 था. अब 10000 कर दिया गया है. डिग्री सर्टिफिकेट के लिए पहले 400 देने पड़ते थे, अब 1000 देने पड़ेंगे. एक्सपर्ट फीस पहले कुछ नहीं थी. अब 2000 देने पड़ेंगे. सिनॉप्सिस आरडीसी आरएसी पहले 5000 रुपये था. अब 6000 देने होंगे. इसी तरह पार्ट टाइम पीएचडी फीस पहले 35000 थी. अब 50000 देने पड़ेंगे.

सीएसजेएमयू के कुलसचिव डॉ.अनिल यादव ने बताया कि बढ़ी हुई फीस का फैसला वित्त समिति की बैठक में किया गया था. साथ ही अन्य विवि के फीस स्ट्रक्चर को देखने के बाद फीस बढ़ाई गई है. वहीं एमएलसी अरुण पाठक का कहना है कि पीएचडी की फीस वृद्धि को लेकर कई छात्रों ने शिकायतें की हैं. इस मामले में अब वीसी से मुलाकात कर छात्रहित में फैसला कराएंगे.

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