कांकेर: कांकेर लोकसभा सीट का सियासी महाभारत बीजेपी ने जीत लिया है. यहां से बीजेपी के प्रत्याशी भोजराज नाग ने कांग्रेस के बीरेश ठाकुर को बेहद क्लोज फाइट में पटखनी दी. उन्होंने 1884 वोटों से जीत हासिल करने में सफलता हासिल की. छत्तीसगढ़ में सबसे क्लोज लड़ाई कांकेर लोकसभा सीट पर ही हुई. यहां पर इस फाइट में भोजराज नाग ने जीत दर्ज की है.
कांकेर लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024, बेहद कड़े मुकाबले में बीजेपी के भोजराज नाग ने कांग्रेस के बीरेश ठाकुर को हराया - CG Election Result 2024
Kanker Election Result 2024 कंक की धरती कांकेर लोकसभा सीट पर रोचक लड़ाई हुई. यहां बीजेपी के भोजराज नाग और कांग्रेस के बीरेश ठाकुर के बीच जबरदस्त टक्कर हुई. लेकिन अंत में इस लड़ाई के विजेता के तौर पर भोजराज नाग की घोषणा हुई.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jun 4, 2024, 4:53 AM IST
|Updated : Jun 4, 2024, 11:06 PM IST
कांकेर लोकसभा सीट पर एक बैगा आदिवासी बना सांसद: कांकेर लोकसभा सीट पर बीजेपी के कट्टर हिंदू माने जाने वाले नेता भोजराज नाग का मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता बीरेश ठाकुर से हुआ. कांकेर में भोजराज नाग की छवि एक कट्टर हिंदूवादी नेता के रुप में मानी जाती है. लंबे वक्त से वो भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं. संघ की गुड बुक में भी भोजराज नाग का नाम शामिल रहा है. साल 2014 में भोजराज नाग अंतागढ़ विधानसभा में हुए उपचुनाव में जीते थे. उनकी योग्यता को देखते हुए ही पार्टी ने अपने सिटिंग सांसद मोहन मंडावी का टिकट काटकर भोजराज नाग को चुनावी मैदान में मौका दिया. बस्तर में चल रहे धर्मांतरण के खिलाफ भोजराज लंबे वक्त से आंदोलन और आवाज उठाते रहे हैं.
कौन हैं बीरेश ठाकुर: कांग्रेस के बीरेश ठाकुर एक ऐसे नेता हैं जिनके खिलाफ आज तक कोई भी मामला थाने में दर्ज नहीं हुआ है. संपत्ति के हिसाब से भी बीरेश ठाकुर करोड़पति नेता रहे हैं. बीरेश ठाकुर का नाम पार्टी ने तब तय किया जब उनके पास दीपक बैज और पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया की चर्चा मैदान में उतरने की जोर शोर से थी. पार्टी के अंदरुनी सर्वे में बीरेश ठाकुर सभी पर भारी पड़े. बीरेश ठाकुर का कांग्रेस पार्टी से लंबा जुड़ाव रहा है. वो जिला पंचायत के सभापति भी रह चुके हैं. इससे पहले वो जनपद सदस्य और जनपद अध्यक्ष भी चुने जा चुके हैं. बीरेश ठाकुर की कार्यशैली को देखते हुए पार्टी ने उनको प्रदेश कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष भी बनाया. 2019 में बीरेश ठाकुर महज पांच हजार वोटों से मोहन मंडावी से हार गए थे. बावजूद इसके पार्टी ने उनको दोबारा मौका दिया.