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कंगना ने अब एक बार फिर ये क्या बोल दिया, दिया हैरान करने वाला बयान

कंगना ने एक बार फिर हैरान करने वाला बयान दिया है. इससे पहले भी कंगना कई विवादित बयान देकर मुसीबतों में घिर चुकी हैं.

कंगना रनौत
कंगना रनौत (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 8, 2024, 8:07 PM IST

शिमला: बीजेपी सांसद कंगना रनौत का विवादों से पुराना नाता रहा है. विवाद और कंगना का चोली दामन का साथ रहा है. कई बार तो कंगना के बोल इतने बेबाक हुए हैं कि पार्टी को उनके बयान से पल्ला तक झाड़ना पड़ा है. एक बार फिर कंगना ने विवादित बयान दे डाला है.

दरअसल भरमौर दौरे पर पहुंचीं कंगना रनौत ने कहा, "जब तक भाजपा है, तभी तक देश का अस्तित्व है. नहीं तो ना जाने कितनी शक्तियां-ताकतें इस देश के टुकड़े करने में जुटी है. हमारे विकसित भारत का सपना युग पुरुष के रूप में पीएम मोदी ही पूरा कर सकते हैं". अब कंगना का ये बयान एक बार फिर बीजेपी और कंगना के लिए मुसीबत बन सकता है. वैसे ये पहली बार नहीं जब कंगना ने ऐसा कोई विवादित बयान दिया हो. इसकी एक लंबी फेहरिस्त हैं. आईए देखते हैं कंगना के कुछ विवादित बयान.

2014 में मिली आजादी

भाजपा सांसद ने एक निजी चैनल पर कहा था कि 'असली आज़ादी 2014 में मिली, जो आजादी 1947 मिली वो भीख थी. उसके बाद कांग्रेस सरकार भी अंग्रेजों का ही विस्तार थी. देश को असल आजादी 2014 के बाद मिली.' इस बयान पर कांग्रेस ने खूब हंगामा किया. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एडवोकेट अमित कुमार साहू ने इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए कंगना रनौत के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. अमित कुमार साहू की याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा की कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई. कंगना रनौत को कोर्ट ने रजिस्टर्ड नोटिस जारी किया था.

बांग्लादेश हिंसा से किसान आंदोलन की तुलना

अगस्त में एक निजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा, 'जैसा बांग्लादेश में हुआ, वैसा यहां भी (भारत) में भी होते देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व अगर इतना सशक्त नहीं होता. यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थी, वहां पर रेप हो रहे थे और जब किसानों के हितकारी बिल वापस लिए गये थे, तब पूरा देश चौक गया था. वो किसान आज भी वहां बैठे हुए हैं. उन्होंने कभी सोचा ही नहीं कि बिल वापस होगा. ये बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ. इस तरह की षड्यंत्र के पीछे चीन और अमेरिका जैसी विदेशी ताकतें हैं, जो यहां काम कर रही हैं.'

विपक्षी पार्टियों और किसान नेताओं ने कंगना के बयान पर खूब हंगामा किया था. विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि कंगना का बयान अगर सच है तो ये देश की आंतरिक सुरक्षा से खिलवाड़ है. चीन और अमेरिका अगर ऐसी प्लानिंग कर रहे थे तो भारत सरकार क्या कदम उठा रही थी. इसपर सरकार का क्या रुख है. कंगना के बयान से पार्टी और सरकार दोनों असहज हो गए थे. बाद में पार्टी ने कंगना के इस बयान से किनारा कर लिया था. और इसे उनकी निजी राय बताया था.

विक्रमादित्य सिंह और राहुल गांधी को कहा चुकी हैं पप्पू

लोकसभा चुनाव में रैली के दौरान कंगना ने राहुल गांधी और विक्रमादित्य सिंह को बड़ा पप्पू और छोटा पप्पू कहा था. कंगना ने कहा था कि, 'एक बड़ा पप्पू है दिल्ली में लेकिन हमारे यहां पर भी एक छोटा पप्पू है. वो कहता है कि मैं गौमांस खाती हूं और उसके पास एक वीडियो है. वो वीडियो दिखाता क्यों नहीं है. झूठा और एक नंबर का पलटूबाज है ये छोटा पप्पू, लेकिन आप इससे क्या उम्मीद कर सकते हैं. जब इसका सीनियर बड़ा पप्पू कहता है कि हमें शक्ति का विनाश कर देना है, तो जब बड़ा पप्पू ऐसी बातें करता है तो छोटे पप्पू से क्या उम्मीद की जा सकती है.'

किसान आंदोलन को कहा था देश को तोड़ने की साजिश

कंगना शुरू से किसान आंदोलन की मुखर विरोधी रही हैं. 2021 में कंगना ने किसान आंदोलन में शामिल कुछ लोगों पर 'खालिस्तानी आतंकवादी' होने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि इस आंदोलन में खालिस्तानी तत्व शामिल हैं. उन्होंने इसे देश को तोड़ने की साजिश करार दिया था, लेकिन हमें एक महिला को नहीं भूलना चाहिए. एकमात्र महिला प्रधानमंत्री ने इन्हें अपनी जूतियों के नीचे क्रश कर दिया था. कोई फक्र नहीं पढ़ता चाहे उन्होंने इस देश को कितनी भी तकलीफें क्यों ना दी हों, लेकिन उन्होंने अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए. उनकी मौत के बाद ये आज भी कांपते हैं इन्हें आज भी ऐसा ही गुरु चाहिए.'

कंगना रनौत का पुराना पोस्ट (सोशल मीडिया)

पैसे लेकर किसान आंदोलन में शामिल होने का आरोप

कंगना ने किसान आंदोलन में शामिल महिला आंदोलनकारियों पर कई विवादित टिप्पणियां की थी. उन्होंने किसान आदोलन में शामिल महिलाओं को लेकर कहा था कि ये पैसे लेकर धरने में बैठी हैं. 100-100 रुपये लेकर ये प्रदर्शन करती हैं. इस बारे में शाहीन बाग की एक प्रदर्शनकारी बिलकिस बानो की तरह दिखने वाली एक महिला किसान (मोहिंद्र कौर) प्रदर्शन में भाग ले रही थी. उनके बारे में कंगना ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि, 'इसमें लिखा था कि दिहाड़ी के हिसाब से दादी से धरने-प्रदर्शन का काम करवाया जाता है. कंगना ने लिखा, "ये वही दादी हैं जिन्हें टाइम मैग्जीन ने भारत के सबसे पावरफुल लोगों में शामिल किया था. ये 100 रुपये में अवेलेबल हैं.'

कंगना रनौत का पुराना ट्वीट (सोशल मीडिया)

रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग पर साधा था निशाना

फरवरी 2021 में किसान आंदोलन के समर्थन में इंटरनेशनल सेलेब्रिटी पॉप स्टार रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था. कंगना ने दोनों पर गुस्सा निकाला था. उन्होंने कहा था कि 'इस बारे में कोई बात नहीं कर रहा है. ये किसान नहीं आतंकवादी है और भारत को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं, ताकि चीन हमारे देश पर कब्जा कर सके. उन्होंने रिहाना को 'मूर्ख' कहा था.'

कंगना रनौत का पुराना ट्वीट (सोशल मीडिया)

बीफ को लेकर निशाने पर रही कंगना

वहीं, कंगना के ट्वीटर अकाउंट (अब एक्स) से पोस्ट किया गया था. उन्होंने कहा था कि ये बीफ या अन्य मीट खाने में कुछ भी गलत नहीं है और ये धर्म के बारे में नहीं है. इसी बात को लेकर कंगना पर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान निशाना साधा गया था. उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने कभी भी बीफ नहीं खाया.

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