प्रयागराजःअखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरि गिरि शनिवार को प्रयागराज पहुंचे थे. यहां पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने फर्जी साधु-संतों के कुम्भ मेले में आने पर रोक लगाने के लिए सरकार से मांग किये जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अखाड़े से जुड़े महंत और साधु संतों की बैठक में यह फैसला लिया जाएगा कि किस तरह से सनातन धर्म की छवि खराब करने वालों पर नियंत्रण किया जाए. इस दौरान मंहत ने कहा कि मानव ही सबसे बड़ा देव है और मानव से बड़ा कोई असुर नहीं है. क्योंकि मानव अपनी झूठी आन-बान शान के लिए हजारों घटनाएं व दुर्घटनाएं करा देता है. सिर्फ बात-बात पर सीमाओं पर जंग करा देता है.
फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए बैठक जारी
महंत हरि गिरि ने हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत पर सूरज पाल उर्फ भोले बाबा को लेकर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी चिंता जतायी है. हाथरस में दर्दनाक हादसे के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने पिछले हफ्ते भोले बाबा को फर्जी संत करार देते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही थी.अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा कि यह बेहद संवेदनशील मामला है. इस मामले में जल्दबाजी में कोई कदम उठाया जाना कतई उचित नहीं है. फर्जी बाबाओं के खिलाफ देशभर के साधु संतों से बातचीत कर सलाह लेने के बाद ही फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई करने पर कोई फैसला लिया जाएगा.उन्होंने कहा कि दिल्ली,उज्जैन,हरिद्वार, वाराणसी, अयोध्या और प्रयागराज में बैठक कर साधु संतों से बात कर फैसला लिया जाएगा.
गलत लोग संतों के भेष आकर फैलाते हैं गड़बड़ी
महंत हरि गिरि ने कहा कि खराब नीयत के लोग साधु संत का भेष बनाकर धार्मिक आयोजनों में न आ सकें, उसको लेकर अखाड़ा परिषद चिंतित है. संतों के भेष में बुरे लोगों का प्रवेश चिंता का विषय है. जिसके कारण महाकुम्भ मेला में फर्जी संतों की एंट्री न हो, उसके लिए भगवान से भी प्रार्थना करेंगे. उन्होंने कहा कि साधु संतो के भेष में गलत काम करने वाले लोगों को महाकुंभ में घुसने से रोकने के लिए बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया जाएगा.हाथरस वाले बाबा सूरज पाल उर्फ भोले बाबा और दूसरे फर्जी साधु संतों के कुम्भ मेला में प्रवेश पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार से मांग उठायी जाएगी.