टिहरी सांसद की परफॉर्मेंस पर विपक्ष का सवाल देहरादून:उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी उतार चुके हैं. अगर टिहरी लोकसभा सीट की बात करें तो बीजेपी ने माला राज्य लक्ष्मी शाह को फिर से टिकट दिया है. जो लगातार तीन बार से सांसद हैं, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला ने मौजूदा बीजेपी सांसद के परफॉर्मेंस पर सवाल खड़े किए हैं. इस बीच एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट भी सामने आई है. जिसमें टिहरी सांसद की परफॉर्मेंस यानी संसद में हाजिरी और सवाल पूछने की रिपोर्ट आई है.
पिछले 3 कार्यकाल में टिहरी लोकसभा के लिए आया इतना पैसा:साल 2012 में टिहरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव जीतकर आई माला राज्य लक्ष्मी शाह को 15वीं लोकसभा के लिए 17.83 करोड़ रुपए का फंड जारी हुआ था. जिसमें से करीब 16 करोड़ रुपए खर्च किए गए. इसके बाद 16वीं लोकसभा में दोबारा सांसद बनकर आई लक्ष्मी शाह को उनके 5 साल के कार्यकाल में 27 करोड़ रुपए के आसपास बजट जारी हुआ. जिसमें से उन्होंने केवल 15 करोड़ रुपए के आसपास खर्च किया.
टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह की उपस्थिति (फोटो साभार - एडीआर रिपोर्ट) वहीं, साल 2019 में 17वीं लोकसभा में जीतकर आने के बाद टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह को 17 करोड़ की सांसद निधि में से 9 करोड़ 50 लाख की सांसद निधि ही जारी हुई. जबकि, 7 करोड़ 50 लाख की सांसद निधि भारत सरकार से जारी होना बाकी हैं. ऐसे में 18 करोड़ 60 लाख 45 हजार की सांसद निधि (1 करोड़ 60 लाख 45 हजार ब्याज) में से 31 दिसंबर 2023 तक 8 करोड़ 15 लाख 90 हजार की सांसद निधि ही खर्च हुई हैं. जबकि, 10 करोड़ 44 लाख 55 हजार (56.15 प्रतिशत) सांसद निधि खर्च होनी बाकी है.
संसद में टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह का परफॉर्मेंस:देश के संसद के भीतर हर एक लोकसभा से जीत कर जाने वाले सदस्य की यह नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वो अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को उठाएं. देश के अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र की समस्याओं को उजागर करने और उनका समाधान करने के लिए संसद के सत्र आयोजित किए जाते हैं. वर्तमान संसद सत्र की बात करें तो इस पंचवर्षीय में देश के 505 सांसदों ने 92,271 सवाल संसद के सदन में पूछे.
देशभर से आने वाले सांसदों में सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले सांसद में पश्चिम बंगाल के बालूरघाट लोकसभा क्षेत्र से आने वाले बीजेपी सांसद डॉक्टर सुकांता मजूमदार हैं. जिन्होंने संसद के भीतर पिछले 5 सालों में 596 सवाल पूछे तो वहीं उनकी संसद के भीतर उपस्थिति भी काफी ज्यादा है. वहीं, अगर टिहरी लोकसभा सीट से आने वाली सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह की बात की करें तो उनकी संसद में उपस्थिति 86% है. जबकि, उन्होंने अपने इस कार्यकाल में केवल 117 सवाल ही पूछे.
टिहरी सांसद ने संसद में हाजिरी और सवाल विपक्ष ने कहा- यह टिहरी के लोगों का दुर्भाग्य:टिहरी लोकसभा सीट से सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह एक बार फिर से चुनावी मैदान में है और वो जनता की अदालत में पेश हो रही हैं. उनके सामने चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला का कहना है कि यहां के मतदाताओं का दुर्भाग्य है कि लगातार 3 बार से सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने टिहरी लोकसभा से जुड़ा कोई प्रश्न देश की संसद में नहीं उठाया है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि इतने सालों में टिहरी लोकसभा सीट पर लोगों को कोई समस्या न हुई हो या फिर देश की कोई योजना किसी लोकसभा सीट पर खासतौर से आई हो, ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है.
टिहरी सांसद ने गोद लिए गांव, ग्रामीण बोले- सुध तक नहीं ली, करेंगे मतदान बहिष्कार:टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत धनोल्टी विधानसभा के क्यारा गांव को साल 2021 में गोद लिया था. सांसद शाह के गोद लिए गांव को लेकर जब ईटीवी भारत ने क्यारा गांव के ग्राम प्रधान शर्मिला रावत से पूछा तो उन्होंने निराशाजनक जवाब दिया. उनका कहना था कि सांसद ने उनके गांव को गोद तो लिया, लेकिन कोई सुध तक नहीं ली. जैसे समस्याएं पहले थी, वैसी ही अब है.
संसद में सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ( फोटो साभार- संसद टीवी) वहीं, क्यारा गांव के ही ग्रामीण महादेव भट्ट ने बताया कि उनके गांव में आजादी से लेकर अब तक सड़क की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. साल 2019 में क्यारा धनोल्टी मार्ग की स्वीकृति मिलने के बाद भी सड़क का काम पूरा नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि 2021 में उनके सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने गांव को गोद लिया था, लेकिन उसके बाद एक नई ईंट तक गांव में नहीं लगी. सांसद लक्ष्मी शाह की ओर से गोद लिए गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी है.
सांसद लक्ष्मी शाह बोलीं- काम नहीं करती तो न तो हर बार जीत कर आती और न ही टिकट मिलता:इन तमाम विषयों पर जब ईटीवी भारत ने सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह से सवाल पूछे तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया कि 'अगर टिहरी लोकसभा की आवाज संसद में उठ नहीं पाती तो मुझे टिकट क्यों मिलता?' उनका कहना है कि वो लगातार क्षेत्र में काम कर रही है और उनकी सांसद निधि भी पूरी तरह से क्षेत्र में वितरित की जा रही है.
उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में उनकी सांसद निधि कोविड केयर फंड में चली गई थी, लेकिन उसके बावजूद भी लगातार वो काम कर रही हैं. विपक्ष की ओर से उनके परफॉर्मेंस को लेकर लगातार उठाए जा रहे सवाल पर माला राज्य लक्ष्मी शाह का कहना है कि 'अगर संसद में टिहरी लोकसभा की आवाज नहीं उठ रही होती तो वो बार-बार चुनाव जीतकर क्यों आती और न ही उन्हें पार्टी टिकट देती.'
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