रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य में पिछले दिनों हुई सियासी हलचल के लिए भाजपा के साथ साथ राज्यपाल पर भी निशाना साधा है. झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि 31जनवरी 2024 के दिन 01 बजे से जो राजनीतिक नाटक किया गया, उसके कई मुख्य किरदार बने. भाजपा ने राज्य में राजनीतिक षड्यंत्र को रूपांतरित करने में केंद्रीय एजेंसी का सहारा लिया जिसे राज्यवासियों ने देखा.
संवैधानिक प्रमुख की एक्टिविटी भी राज्यवासियों ने देखी-झामुमो:सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि पिछले दिनों राज्य में जो राजनीतिक षड्यंत्र रचा गया उस दौरान राज्य के लोगों ने संवैधनिक प्रमुख को भी देखा. राज्य में बहुमत का आंकड़ा होने के बावजूद 40 घंटे तक राज्य बिना किसी कार्यपालक हेड का रहा. कई घंटे तक राज्य में कोई कार्यकारी प्रमुख नहीं था सिर्फ और सिर्फ असंवैधानिक स्थिति थी. यह सब इस ओर इशारा करता है कि केंद्र की सत्ता और भाजपा के लोग डरे हुए हैं.
भाजपा के ही कई लोगों फोन कर संवेदना प्रकट कर रहे हैं. जिस तरह से हेमन्त सोरेन को षड्यंत्र में फंसाया गया उससे राज्य के पौने चार करोड़ लोग दुखी हैं. झामुमो नेता ने कहा कि 29 दिसम्बर 2019 से जबसे हेमन्त सरकार बनीं, तब से इस षड्यंत्र की आशंका थी, क्योंकि तब राज्य की जनता ने एक जबरदस्त चोट भाजपा को वोट के माध्यम से दिया था.
रिमांड के 72 घंटे बाद भी नहीं पता कि किस धारा में हेमन्त सोरेन की गिरफ्तारी हुई है- झामुमो:सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि आज 72 घंटे हो गए रिमांड के लेकिन पता नहीं चला कि धारा क्या लगा गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि हेमन्त सोरेन के गिरफ्तार करने से हम कमजोर नहीं हुए हैं. हम लड़ेगें.
झामुमो ने कहा कि भाजपा हेमन्त के शरीर को कैद करा सकती है, लेकिन जो लोग दिल में है उसका क्या उपाय है. उन्होंने कहा कि हेमन्त है तो हिम्मत है, हेमन्त है तो जीवन है और हेमन्त है तो जीविका है.
राज्यपाल की भूमिका पर सवाल:सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री अगर इस्तीफा देता है, तो राज्यपाल अगली व्यवस्था होने तक कार्यपालक मुख्यमंत्री की बात कहते हैं, लेकिन हेमन्त सोरेन के इस्तीफे को लेकर नोटिफिकेशन तक नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि भाजपा बुजदिलों की पार्टी है. उसमें राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का साहस नहीं था. इसलिए उसने 40 घंटे तक राज्य को अराजक स्थिति में धकेलने की कोशिश की गई. जिसके खिलाफ लोगों का स्वभाविक आक्रोश देखने के बाद महामहिम को नई सरकार बनाने के लिए चम्पई सोरेन को बुलाना पड़ा.
किस बात का विश्वास मत, ताकत है तो भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाए-jmm:झामुमो नेता ने कहा कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो अविश्वास प्रस्ताव लाये, क्योंकि जिस बहुमत से हेमन्त सरकार चल रही थी उसी बहुमत के साथ आज भी महागठबंधन की सरकार है. सदन में विश्वास मत भी सरकार प्राप्त करेगी, लेकिन अगर ताकत है तो 25 विधायक वाली पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाये. हमारी संख्या 47 विधायकों की हैं. भाजपा बताए कि उसके पास कितने विधायक हैं. झामुमो ने हेमन्त सोरेन की लड़ाई को आदिवासी-मूलवासियों की लड़ाई बताते हुए कहा कि झारखंड की मान सम्मान को चाहने वाले सभी विधायक नई सरकार को समर्थन दें.
झामुमो नेता ने कहा कि बहुत जल्द एक श्वेत पत्र जारी कर यह बताया जायेगा कि भाजपा ने कब कब अन्यायपूर्ण गतिविधि कर निर्वाचित सरकार को डिस्टर्ब करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हेमन्त सरकार के विकास कार्यों पर भी विकास पत्र जारी किया जाएगा.