रांची: लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद झारखंड में बड़ी सियासी हलचल देखने को मिली है. झारखंड मुक्ति मोर्चा की वरिष्ठ नेता सह सोरेन परिवार की सदस्य सीता सोरेन ने दिल्ली में बीजेपी का दमन थाम लिया है. सीता सोरेन के भारतीय जनता पार्टी में ज्वाइन करने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सीता सोरेन ने जो निर्णय लिया है, वह जल्दीबाजी में लिया गया फैसला है. आज सुबह सीता सोरेन के द्वारा पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी गई कि वह भारतीय जनता पार्टी में ज्वाइन कर रही हैं. पार्टी के लोगों ने इसकी जानकारी सुप्रीमो शिबू सोरेन को दी. शिबू सोरेन ने पत्र पढ़ने के बाद आश्वासन दिया कि वह सीता सोरेन बात करेंगे और यह उनके परिवार का मामला है, उसे आपस में सुलझा लिया जाएगा. लेकिन कुछ देर में ही यह सूचना आई कि वह भारतीय जनता पार्टी में ज्वाइन कर रही हैं.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि वह पहले से ही मन बनाकर भारतीय जनता पार्टी में जाने के लिए तैयार थी. ऐसे में किसी को रोकना संभव नहीं हो पता. उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में लोगों को डराने धमकाने की परंपरा चल रही हो, उस पार्टी के द्वारा दूसरे पार्टी के लोगों को लाया जाता है. उन्होंने कहा कि हर कोई हेमंत सोरेन नहीं हो सकता, हेमंत सोरेन संघर्ष कर रहे हैं. हेमंत सोरेन की तरह हर कोई संघर्ष नहीं कर सकता. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी पर यह आरोप लगाया कि सीता सोरेन को डरा धमका कर पार्टी में ज्वाइन कराया गया है.
वहीं, पत्रकारों ने जब यह सवाल किया कि क्या कहीं सीता सोरेन को मंत्री पद नहीं मिला शायद इसीलिए वह नाराज हो गईं हैं. इस पर झामुमों के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने जवाब देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल का गठन काफी सोच विचार कर किया जाता है. इसमें कई तरह के तालमेल को देखे जाते हैं. अगर उन्हें इस बात की नाराजगी होती तो वह पार्टी में अपनी बात रख सकती थी.
झामुमो प्रवक्ता ने भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी बेईमान व्यक्ति अगर भाजपा का दामन थाम ले तो वह चंद मिनटों में ईमानदार बन जाता है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सीता सोरेन के जाने से पार्टी का जनाधार नहीं घटेगा. उन्होंने सीता सोरेन के दिवांगत पति दुर्गा सोरेन को याद करते हुए कहा कि दुर्गा सोरेन पार्टी के प्रति ईमानदार थे, लेकिन आज उनके परिवार ने जो किया है, इससे कहीं ना कहीं उनकी आत्मा को भी ठेस पहुंची होगी.
सीता सोरेन के बीजेपी में जाने के बाद जेएमएम के बाघी विधायक लॉबिन हेंब्रम के नाराजगी की सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि अगर कोई शख्स या कार्यकर्ता अपनी पीड़ा ना बताते हुए सीधा निर्णय लेते हैं तो वैसे कार्यकर्ताओं को नहीं रोका जा सकता. सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि सीता सोरेन भले ही भारतीय जनता पार्टी में राजनीतिक रूप से गई हैं, लेकिन पारिवारिक रूप से वह सोरेन परिवार की सदस्य हैं. पारिवारिक रूप से उन्हें भविष्य में कभी भी अगर झामुमो के किसी भी कार्यकर्ताओं या सदस्यों की जरूरत पड़ेगी तो सभी उनके साथ हैं.
ये भी पढ़ें: