सिरसा:हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी उठापटक जारी है. ऐसे में सूबे की राजनीति में एक और बड़ा धमाका देखने को मिला है. हरियाणा की सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. इसी कड़ी में जेजेपी ने भी चुनाव जीतने के लिए खूब जोर लगा दिया है. सिरसा से जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला के सिरसा आवास पर जेजेपी और चौधरी रणजीत सिंह चौटाला के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच अहम बैठक हुई. इसके बाद चौधरी रणजीत सिंह चौटाला के सिरसा आवास पर भी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने मीटिंग की.
दादा-पोता साथ-साथ लड़ेंगे चुनाव: अजय चौटाला और चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने सभी कार्यकर्ताओं को चुनाव में जुटने के निर्देश जारी किए हैं. सभी समर्थकों को रानियां और डबवाली में एकजुट होकर वोट मांगने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. बता दें कि हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला आजाद उम्मीदवार के तौर पर रानियां हल्के से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, डबवाली से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई और जेजेपी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों ही नेताओं ने एक दूसरे के हल्के में एक दूसरे की चुनाव में मदद करने का ऐलान किया है. जिसके बाद दूसरी पार्टियों में अब हड़कंप मच गया है.
इनेलो पर दिग्विजय का तंज: दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जेजपी चौधरी रणजीत सिंह चौटाला की रानियां हल्के में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि रानियां और डबवाली दोनों सीटें बड़े अच्छे मार्जिन से जीतेंगे. इनेलो और हलोपा गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि इनेलो के नेताओं ने सरेंडर कर दिया है. दिग्विजय चौटाला ने इनलो और हलोपा गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि इनेलो 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की हुंकार भर रही थी.
उदयभान पर भी साधा निशाना: दिग्विजय चौटाला ने कहा कि इनेलो आज 90 में से 50 सीटों पर चुनाव लड़ने को मजबूर क्यों है. इनेलो के कैंडिडेट 7 सीटें फाइनल नहीं कर पाए. इनेलो की कमजोरी सबके सामने आई है. अभय चौटाला की राजनीतिक हैसियत खत्म हो गई है. गोपाल कांडा के सामने अभय चौटाला क्यों गिड़गिड़ा रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस अपने बलबूते पर सरकार बनाने में समर्थ नहीं है. वहीं, दिग्विजय ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदय भान पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि उदयभान के परिवार का इतिहास प्रदेश की जनता जानती है. कांग्रेस में देरी से टिकट का वितरण इसलिए हुआ कि आया राम गया राम न हो जाए.