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तापमान में वृद्धि से किसानों के चेहरे मुरझाए, गेहूं की फसल में बीमारियों का बढ़ा खतरा - WHEAT CROP IN DANGER

अब सर्दी कम और तापमान ज्यादा होने लगा है. बढ़ते तापमान के चलते गेहूं की फसल में बीमारियों का खतरा बना रहता है.

Jind temperature rises
Jind temperature rises (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 24, 2025, 5:19 PM IST

जींद:पिछले चार दिनों से तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. अधिकतम तापमान 22 डिग्री तक पहुंच रहा है. जबकि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री तक रह रहा है. जिसके चलते गर्मी का अहसास होने लगा है. इस समय तापमान में वृद्धि से गेहूं उत्पादक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आने लगी हैं. किसानों का कहना है फिलहाल तापमान कम रहना चाहिए और गेहूं के अच्छे उत्पादन के लिए ठंड की आवश्यकता है. अगर तापमान इसी तरह ऊंचा गया तो गेहूं में बीमारियां आ सकती हैं.

मौसम विभाग के मुताबिक आज के तापमान की बात करें तो शुक्रवार को अधिकतम तापमान 18 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री दर्ज किया गया. जबकि मौसम में आद्रता 50 फीसदी रही. जबकि हवा की गति 14 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है. मौसम विभाग के मुताबिक, 29 जनवरी के आसपास बारिश की संभावना बन रही है. लेकिन तापमान पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.

गेहूं के लिए नुकसानदायक पारा:इस समय पारा 22 डिग्री तक पहुंच रहा है. जिसने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है. किसानों के अनुसार जनवरी व फरवरी माह तक गेहूं की फसल के लिए ठंड जरूरी होती है. तापमान ज्यादा होने से गेहूं की फसल समय से पहले पक सकती है. जिससे गेहूं का दाना कमजोर रहेगा और उत्पादन घटेगा. खासकर पछेती गेहूं की फसल पर ज्यादा असर पड़ेगा. कृषि विशेषज्ञ डॉ. यशपाल मलिक के अनुसार चार-पांच दिन में तापमान ज्यादा रहने से तो ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. लेकिन अगर 10 से 15 दिन तापमान इसी तरह रहता है तो गेहूं की फसल को नुकसान होगा.

आगामी मौसम की संभावना:मौसम विभाग के अनुसार 28 जनवरी तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है. इस दौरान उत्तरी व उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं हल्की गति से चलने से रात्रि तापमान में गिरावट आने की संभावना है. इस दौरान अलसुबह व देर रात्रि कहीं कहीं धुंध छा सकती है. किसानों को कृषि विशेषज्ञ गेहूं की फसल में जरूरत अनुसार सिंचाई करने की भी सलाह दे रहे हैं. साथ ही जरूरत से ज्यादा यूरिया का प्रयोग ना करने की हिदायत दी है. ज्यादा यूरिया डालने से गेहूं की फसल में बीमारी आने का खतरा रहता है. मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने बताया कि 29 जनवरी को जींद और आसपास के क्षेत्र में हल्की बारिश की संभावना बन रही है. अगर बारिश होती है तो किसानों को कुछ हद तक राहत मिलेगी.

'जरूरत के अनुसार सिंचाई करें किसान':कृषि विशेषज्ञ डॉ. यशपाल मलिक ने कहा कि किसान फसल में जरूरत अनुसार सिंचाई करें. साथ ही जरूरत से ज्यादा यूरिया का प्रयोग ना करें. ज्यादा यूरिया डालने से गेहूं की फसल में बीमारी आने का खतरा रहता है.

फिलहाल गेहूं में नुकसान वाली कोई बात नहीं:जिला कृषि उप निदेशक डॉ. गिरीश नागपाल ने कहा कि पिछले चार-पांच दिन में तापमान बढ़ा है. अभी गेहूं की फसल में नुकसान वाली बात नहीं है. अगर अगले 10-15 दिन में तापमान इसी तरह ज्यादा रहता है तो गेहूं की फसल में नुकसान हो सकता है. ज्यादा तापमान रहने से दाने का पकाव सही से नहीं हो पाता है. किसान जरूरत अनुसार गेहूं की फसल में किसान सिंचाई करते रहें. जरूरत से ज्यादा यूरिया ना डालें. अब ज्यादा यूरिया डालेंगे तो मार्च में तेला व चेपा लगने की वजह से गेहूं की फसल में नुकसान हो सकता है.

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