रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक रांची में संपन्न हुई. इस बैठक में महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा, प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह भी शामिल हुईं.
आज की बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने महिला कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अगले विधानसभा चुनाव में अपने अपने पोलिंग बूथ पर जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि अगर हम ऐसा कर पाते हैं तो फिर कोई कारण नहीं कि हम आगामी विधानसभा चुनाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन न कर पाएं. महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में शामिल सभी जिलाध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को गुलाम अहमद मीर ने यह टास्क दिया कि वह अपने अपने पोलिंग बूथ से शुरुआत करें कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं उन तक पहुंच सके. जनता को यह मैसेज भी जाना चाहिए कि महागठबंधन की सरकार में जो भी जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं उसमें कांग्रेस की भी महत्वपूर्ण भूमिका है.
गुलाम अहमद मीर ने कहा कि मुख्यमंत्री मंईयां योजना हो या फिर किसानों को दो लाख तक का कर्ज माफी या फिर अबुआ आवास योजना, हर योजना का लाभ कैसे आप के आसपास के जरूरतमंदों को मिले, इसके लिए जब महिला कांग्रेस प्रयास करेगी तो इसका लाभ चुनाव के वक्त पार्टी को मिलेगा. इस बैठक के दौरान गुलाम अहमद मीर ने कहा कि राहुल गांधी की संविधान बचाओ मुहिम हो हम पुरुष मतदाताओं तक तो पहुंचा पाएं लेकिन 50% से ज्यादा महिलाएं इस झांसे में आ गईं कि उन्हें मुफ्त में राशन मिल रहा है. जबकि सच्चाई यह है कि महंगाई के इस दौर में जितने का राशन मोदी सरकार मुफ्त नहीं दे रही है उससे ज्यादा वसूल कर रही है. इस बैठक के दौरान यह भी सहमति बनी कि अक्टूबर में ही विधानसभा चुनाव करा लिए जाने की संभावना को देखते हुए 31अगस्त से पहले हर जिले में नारी न्याय सम्मेलन करा लिया जाए.
राज्य की कृषि एवं आपदा प्रबंधन मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि महिला कांग्रेस की भूमिका विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. क्योंकि डोर टू डोर कैम्पेन में इनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता. सरकार ने बहुत सारी जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं इसे जनता के बीच ले जाएं. उन्होंने कहा कि सरकार और सत्ता में भी आधी आबादी को बराबरी का हक मिले, अधिक से अधिक महिलाओं को चुनाव लड़ने का भी मौका मिले. इसके लिए उचित मंच पर वह अपनी बात रखेंगी. महिलाओं से ज्यादा विनिबिलिटी की उम्मीद की जाती है लेकिन हमें निराश नहीं होना है और एक दूसरे की मदद का भाव लेकर आगे बढ़ना है.