रांची:झारखंड सरकार काम के आधार पर पारिश्रमिक पानेवाले श्रमिकों यानी गिग वर्कर्स के लिए कानून बनाने जा रही है. इसके तहत न केवल उन्हें न्यूनतम मजदूरी मिलेगी, बल्कि सामाजिक सुरक्षा का भी लाभ मिलेगा.
झारखंड गिग वर्कर्स के कल्याण के लिए तैयार किया जा रहा विधेयक
झारखंड गिग वर्कर्स (पंजीकरण एवं कल्याण) विधेयक,2024 के नाम से तैयार हो रहे इस बिल को लेकर शुक्रवार 19 जुलाई को कार्यक्रम आयोजित की गई. श्रम विभाग द्वारा राजधानी के एक होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में गिग वर्कर्स के अलावे झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स और सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे.
गिग वर्कर्स के प्रति राज्य सरकार गंभीरः श्रम मंत्री
राज्य सरकार के श्रम विभाग और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि मजदूरों के प्रति सरकार हमेशा से गंभीर रही है.ऐसे में जिन्हें काम के आधार पर पारिश्रमिक मिलती है, उनपर भी हमारी नजर है. क्योंकि समय के साथ काम करने के तौर-तरीके बदल रहे हैं.ऐसे लोगों को भी सामाजिक सुरक्षा कैसे मिले और न्यूनतम मजदूरी का लाभ उन्हें कैसे मिले इसके लिए सरकार गंभीर है.
सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाए जाएंगे गिग वर्कर्सः श्रम सचिव
वहीं इस मौके पर विभागीय सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि श्रम विभाग गिग वर्कर्स के प्रति गंभीर है और जल्द ही उन्हें एक्ट के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा और न्यूनतम मजदूरी जैसे लाभ से आच्छादित करने का काम किया जाएगा.
झारखंड में बड़ी संख्या में हैं गिग वर्कर्स
रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में गिग वर्कर्स हैं जिन्हें काम के आधार पर पारिश्रमिक मिलता है.समय के साथ बदल रहे काम के तौर-तरीके की वजह से काम के घंटे के साथ-साथ मजदूरी का भी निर्धारण सरकारी प्रावधान के तहत नहीं हो पाता है.श्रम विभाग का मानना है कि टैक्सी ड्राइवर हो या फूड डिलीवरी करनेवाले श्रमिक इनके लिए नीति निर्धारण करना आवश्यक है.