पलामूःझारखंड की राजनीतिक हस्ती में एक बड़ा नाम है इंदर सिंह नामधारी. इंदर सिंह नाधारी झारखंड के पहले विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं. इंदर सिंह नामधारी डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक रह चुके हैं, जबकि चतरा से एक बार निर्दलीय सांसद रहे हैं. डालटनगंज विधानसभा सीट से इंदर सिंह नामधारी के बेटे दिलीप सिंह नामधारी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. दिलीप सिंह नामधारी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. इंदर सिंह नामधारी के साथ ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की है. जिसमें इंदर सिंह नामधारी ने दिलीप सिंह नामधारी के चुनाव लड़ने से लेकर झारखंड के गठन, वर्तमान राजनीतिक हालात और दिलीप सिंह नामधारी के टिकट के प्रयासों के बारे में कई जानकारी दी है.
मैंने काम किया है तो फल बेटे को भी मिलेगा
इंदर सिंह नामधारी ने बताया कि अगर उन्होंने काम किया है तो उनके बेटे को इसका फल जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि समस्याएं होती हैं, लेकिन इन समस्याओं से पार पाना जरूरी है. जब वे विधायक बने थे तो पैदल पांच-पांच किलोमीटर का तय करते थे और रेलवे का सफर भी बेहद कम था. वे जनता से यही कहना चाहते हैं कि जात-पात छोड़कर भेदभाव छोड़कर अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोटिंग करें.
अभी नहीं बोलूंगा, वाच करते रहिए
इंदर सिंह नामधारी ने बातचीत के दौरान बताया कि दिलीप सिंह नामधारी को कांग्रेस से चुनाव लड़वाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष से बातचीत हुई थी. यह बातचीत काफी सकारात्मक था, लेकिन ऐसा क्या हुआ पता नहीं है. वह अभी कुछ नहीं बोलेंगे, लेकिन अभी बहुत कुछ छपेगा वॉच करते रहिए. उन्होंने बताया कि निर्दलीय लड़ने का फैसला हुआ. दिलीप सिंह नामधारी काफी दिनों तक बीमार रहे थे और जिंदगी की जंग जीत कर वापस लौटे हैं.
रिश्वतखोरी बंद होनी चाहिए