रांची: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की अध्यक्षता में बनी झारखंड कांग्रेस कैंपेन कमेटी की पहली बैठक शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में हुई. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर हुई इस बैठक में कमेटी के चेयरमैन सुबोधकांत सहाय, झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कमेटी में सदस्य राजेश ठाकुर सहित अन्य सदस्यों ने अपनी अपनी बात रखी.
इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती यानी 02 अक्टूबर से कांग्रेस "गांधी या गोडसे कैंपेन" से राज्य में विधिवत चुनाव प्रचार आरंभ करेगी. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कमेटी के सदस्य राजेश ठाकुर ने कहा कि चुनाव प्रचार शुरू होने दीजिए कोई नहीं टिकेगा. उन्होंने कहा कि जनता से कनेक्शन लोकल नेताओं का ही कनेक्शन होता है. उन्होंने कहा कि चुनाव कैंपेन में पार्टी के केंद्रीय नेता मार्गदर्शन के लिए आएंगे.
ये होंगे कांग्रेस के चुनाव प्रचार के मुख्य मुद्दे
कांग्रेस कैंपेन कमेटी के चेयरमैन सुबोधकांत सहाय ने आज की बैठक के बाद मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि 30 सितंबर को प्रभारी गुलाम अहमद मीर की उपस्थिति में एक और बैठक होगी. जिसमें आगे की रणनीति को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इस बैठक में जिन मुख्य एजेंडे को कांग्रेस के कैंपेन के केंद्र में रखने पर चर्चा हुई. उसमें कांग्रेस की शांति, अहिंसा और विकास की मार्ग पर चलकर समावेशी विकास, संविधान पर अब भी खतरा बरकरार, बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर भाजपा को बेनकाब करना, भाजपा आदिवासी, दलित, ओबीसी और माइनॉरिटी विरोधी, महागठबंधन की सरकार के पिछले पांच वर्ष के काम और भाजपा की सरकारों की नाकामी शामिल है.
कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन की बात कहकर भाजपा देश को अधिनायकवाद की ओर ले जाना चाहती है. उनके एजेंडे में भविष्य में देश में प्रेसिडेंशियल रूल लागू करने की है, यह बात जनता को समझाने की जरूरत है. सुबोधकांत सहाय ने कहा कि हमारा कैंपेन पंचायत स्तर तक चलेगा और जनता-संगठन, समन्वय और जरूरत पड़ी तो संघर्ष भी किया जाएगा.