रांची:झारखंड विधानसभा में अनुसूचित जाति यानी एससी के लिए कुल नौ सीटें रिजर्व हैं. इनमें उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में सबसे ज्यादा चार सीटों में चतरा, सिमरिया, जमुआ और चंदनक्यारी शामिल हैं. पलामू प्रमंडल में लातेहार और छत्तरपुर, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में कांके, संथाल परगना प्रमंडल में देवघर और कोल्हान प्रमंडल में जुगसलाई की सीट एससी के लिए रिजर्व है. किसी भी दल को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने में इन 09 सीटों का अहम रोल रहता है. राज्य बनने के बाद से अब तक हुए चुनाव परिणाम बताते हैं कि एससी का झुकाव सबसे ज्यादा भाजपा के प्रति दिखा है. 2019 में भाजपा ने 09 में से 06 सीटें जीती थी. झामुमो को दो सीटें मिली थी जबकि राजद के खाते में एक सीट गई है. खास बात है कि दलित के लिए रिजर्व एक भी सीट कांग्रेस को नहीं मिली.
2019 की नौ सीटों का समीकरण
2019 के विधानसभा चुनाव के वक्त रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा और आजसू गठबंधन की सरकार थी. उस चुनाव में देवघर सीट पर भाजपा के नारायण दास, सिमरिया में किशुन दास, जमुआ में केदार हाजरा, चंदनक्यारी में अमर कुमार बाउरी, कांके में समरी लाल और छत्तरपुर सीट से पुष्पा देवी की जीत हुई थी. जबकि जुगसलाई में मंगल कालिंदी और लातेहार में बैद्यनाथ राम की जीत के साथ झामुमो को दो सीटें मिली थी. चतरा सीट पर राजद के सत्यानंद भोक्ता ने जीत का लालटेन जलाया था. सत्ता में इस समाज की पैठ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्तनाम हेमंत सरकार में बैद्यनाथ राम और सत्यानंद भोक्ता मंत्री हैं. वहीं चंदनक्यारी से विधायक अमर कुमार बाउरी को भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष बनाया है.
2014 में किन पार्टियों को मिला दलित समाज का आशीर्वाद
इस चुनाव के नतीजों के बाद ही झारखंड की राजनीति में स्थिरता आई थी. पहली बार रघुवर दास के नेतृत्व में बहुत की सरकार बनी थी. इस चुनाव में एससी के लिए रिजर्व 09 सीटों में से 05 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों की जीत हुई थी. भाजपा नारायण दास ने देवघर, जयप्रकाश सिंह भोक्ता ने चतरा, केदार हाजरा ने जमुआ, जीतू चरण राम ने कांके और राधाकृष्ण किशोर ने छत्तरपुर में कमल खिलाया था. इस चुनाव में जेवीएम की टिकट पर गणेश गंझू ने सिमरिया, अमर कुमार बाउरी ने चंदनक्यारी और प्रकाश राम ने लातेहार सीट जीतकर सभी बड़े दलों को हैरत में डाल दिया था. वहीं आजसू के रामचंद्र सहिस ने जुगसलाई सीट पर कब्जा जमाया था. इस चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और राजद को एक भी एससी सीट पर जीत नहीं मिली थी.
2009 में एससी सीटों पर हार-जीत का समीकरण