रांची:भाजपा के चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के एक बयान पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सोनाल शांति ने पलटवार किया है. सोनाल शांति ने कहा कि कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले हिमंता बिस्वा सरमा को अपनी पार्टी भाजपा में टिकट पाने के मापदंडों के बारे में सोचना चाहिए और दूसरों की चिंता करना बंद कर देना चाहिए.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आज कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की कोई पूछ नहीं है. इसी बयान को लेकर सोनाल शांति ने कहा कि कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले उन्हें अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भाजपा में जो जितना बड़ा भ्रष्टाचारी होगा, पार्टी उतना ही आगे बढ़कर उसे टिकट देती है. दूसरे दलों से आने वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि उनका अपना कोई नेता नहीं होता, कार्यकर्ता सारी जिंदगी दरी बिछाता और कुर्सियां सजाता रह जाता है. उन्होंने कहा कि इन दिनों भाजपा में टिकट पाने का तीसरा और बेहद प्रचलित मानदंड यह है कि आप किसी बड़े नेता के भाई, पत्नी, बहू या बेटा-बेटी हों.
सोनाल शांति ने कुछ उदाहरण दिए जिसमें बीजेपी ने बड़े नेताओं के परिवार के सदस्यों ने टिकट दिया है. इसमें ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू, भ्रष्टाचार के आरोपी मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा, चंपाई सोरेन और उनके बेटे बाबूलाल सोरेन, धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो के भाई को बाघमारा से टिकट दिया गया है, वहीं आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के भाई को बड़कागांव विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है.
इस पर सोनाल शांति ने कहा कि भाजपा में उनके वर्षों के किस योगदान को देखते हुए उन्हें टिकट दिया गया? इसका जवाब हिमंता को देना चाहिए. भाई-भतीजावाद के कई अन्य उदाहरणों का जिक्र करते हुए सोनाल शांति ने कहा कि इसका जवाब हिमंत को सार्वजनिक मंच से देना चाहिए.