बोकारो:आजसू का दामन छोड़कर झामुमो में शामिल हुए उमाकांत रजक चंदनकियारी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. उमाकांत रजक 2009 ने आजसू की टिकट पर यहां से जीत हासिल की थी. इसके बाद वे सरकार में मंत्री भी रहे थे. लेकिन अब ने जेएमएम में हैं और उनके मैदान में आने के बाद चुनावी माहौल बदल गया है. ईटीवी भारत संवाददाता वसंत मधुकर ने उमाकांत रजक से खास बातचीत की और उनकी भविष्य की योजना और रोड मैप के बारे में जानकारी ली.
अमर कुमार बाउरी झाविमो की टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा गए और कुछ ही दिन के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए. बीजेपी की सरकार में वे भू राजस्व मंत्री भी बने. ईटीवी भारत से बात करते हुए उमाकांत रजक ने कहा कि 2019 के चुनाव में अमर कुमार बावरी ने जनता को यह आश्वासन दिया कि उन्होंने आईआईटी रुड़की की तकनीक का सहारा लेकर मैपिंग करेंगे और सर्वे सेटलमेंट कर त्रुटियों को दूर किया जाएगा. जनता उनकी बातों में आ गई और उन्हें जिताकर दूसरी बार विधानसभा भेजने का काम किया. लेकिन अमर कुमार बाउरी ने 2019 से 2024 तक सर्वे सेटलमेंट की दिशा एक कदम भी नहीं बढ़ाया. इस कारण से चंदनकियारी की जनता में आक्रोश है और भावनात्मक रूप से मेरे साथ जुड़ी हुई है.
उमाकांत रजक ने कहा कि इलेक्ट्रो स्टील कंपनी में उन्होंने आंदोलन किया और 587 लोगों को नौकरी दिलाने का काम किया, लेकिन 2014 के बाद स्थानीय लोगों की नियोजन के दिशा में कोई पहल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने स्थानीय युवकों को कल कारखानों में 75 प्रतिशत नियोजन देने के नियम बनाया है. वह चुनाव जीतने के बाद यह देखेंगे कि इस नियम के तहत चंदनकियारी और आसपास के कितने स्थानीय और मूलवासियों को नियोजन दिया गया है.