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बैलाडीला के पहाड़ों पर मनमोहक झारालावा झरना, पहुंचना दुर्गम लेकिन सुंदरता अनुपम - Jharalawa waterfall - JHARALAWA WATERFALL

Jharalawa waterfall बस्तर अपने अंदर प्राकृतिक सुंदरता को समेटे हुए है.यहां के कई क्षेत्र आज भी इंसानों से अछूते हैं.फिर भी कुछ जगह ऐसी है जो दुर्गम होने के बाद भी लोगों को अपनी ओर खींचती है.ऐसे ही दुर्गम क्षेत्र में है मनमोहक जलप्रपात जिसे देखने के लिए दूर-दूर से प्रकृति प्रेमी बस्तर आते हैं. Bailadila of Bastar

Jharalawa waterfall
बैलाडीला के पहाड़ों पर मनमोहक झारालावा झरना (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 23, 2024, 6:29 PM IST

बस्तर : कहते हैं कि भारतदेश में खूबसूरती और नैसर्गिक सौंदर्य के मामले में कश्मीर के बाद दूसरे नंबर पर बस्तर आता है. क्योंकि प्रकृति ने बस्तर को खूबसूरती देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में खनिज संपदा से भरे घने जंगल समेत कई नैसर्गिक सौंदर्य हैं. जो आज भी जंगल के भीतर, पहाड़ों के बीच और जमीन में दफन हैं.वक्त के साथ ये नजारे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं.

घने जंगलों के बीच है झारालावा : ऐसा ही एक प्राकृतिक स्थल बीते सालों में पर्यटकों की नजर में आया है. ये स्थल दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला की पहाड़ियों में छिपा था. इसका नाम झारालावा जलप्रपात है. करीब 50-60 फीट ऊंचे से दूध की धारा की तरह गिरते इस जलप्रपात की खूबसूरती को करीब से दिखाने के लिए ईटीवी भारत की टीम बैलाडीला की पहाड़ियों पर पहुंची.इस दौरान दुर्गम पहाड़ियों को पार किया गया.नदी और नाले के रास्ते को पार करके हमारी टीम ने इस प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज जलप्रपात तक पहुंची.

बैलाडीला के पहाड़ों पर मनमोहक झारालावा झरना (ETV Bharat Chhattisgarh)

घने पेड़ों के बीच से गिरता झरना :ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और हरे भरे पेड़ के बीच में से निकलता ये झरना प्रकृति की मांग में सिंदूर की तरह नजर आता है. इस झरने की दहाड़ मारती आवाज पूरे जंगल में सुनाई देती है.जब 60 फीट ऊंचाई से गिरता पानी बैलाडीला पहाड़ के पत्थरों से टकराता है तो ऐसी गर्जना होती है मानों को ये कह रहा हो कि ये देखो यहां का राजा मैं ही हूं,है कोई मुझसे ताकतवर सुंदर. हमारी टीम भी जब इस झरने तक पहुंची तो सारी थकान मिनटों में छू मंतर हो गई.

झारालावा झरने को देखने आते हैं कम लोग (ETV Bharat Chhattisgarh)

दुर्गम रास्तों से होकर जाना पड़ता है झारालावा :स्थानीय युवक लुभम निर्मलकर ने बताया कि झारालावा जलप्रपात तक पहुंचने के लिए दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से बचेली मार्ग पर जाना पड़ता है. फिर भांसी से बासनपुर झिरका गांव जाना पड़ता है. झिरका गांव से करीब 5-6 किलोमीटर तक पैदल करके इस जल प्रपात तक पहुंचा जा सकता है.

दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है झरना (ETV Bharat Chhattisgarh)

''इस बीच रास्ते में कई छोटे बड़े पहाड़ आते हैं. खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. नाला पार करना पड़ता है. बारिश के दिनों में इस जलप्रपात तक पहुंचना बेहद कठिन है. इन कठिनाइयों के बाद झारालावा जलप्रपात दिखता है. जो बेहद खूबसूरत है.''- लुभम निर्मलकर, स्थानीय

दूध के जैसे सफेद जलधारा (ETV Bharat Chhattisgarh)

बारिश के दिनों में होती है परेशानी :साथ ही बताया कि यह जलप्रपात बैलाडीला की पहाड़ियों निकला है. बैलाडीला पहाड़ लोहे का पहाड़ है. जहां से आयरन ओर भारत देश के अलावा विदेश भेजे जाते हैं. इस झारालावा जलप्रपात का नाम जंगल और पहाड़ से पानी गिरने के कारण 'झारा" और लोहे का पहाड़ होने के कारण "लावा" पड़ा. इस कारण इसे झारालावा कहा गया.

झारालावा वाटरफॉल की सुंदरता अनुपम (ETV Bharat Chhattisgarh)
दूर-दूर से आते हैं पर्यटक (ETV Bharat Chhattisgarh)


वहीं स्थानीय युवक रिकेश्वर राणा ने बताया कि यह जलप्रपात काफी खूबसूरत और आकर्षक है. जब ग्रामीण और पर्यटक 5-6 किलोमीटर पैदल सफर तय करके पहाड़ों को पार करके जलप्रपात के नजदीक पहुंचते हैं. उसे अपनी आंखों से सिर ऊंचा करके निहारते हैं.ये दृश्य को देखकर पलभर में सारी थकान मिट जाती है.

बारिश के दिनों में शबाब पर होता है झरना (ETV Bharat Chhattisgarh)

''जब जलप्रपात की बूंदे चेहरे पर आकर पड़ती है तो सुकून मिलता है. इस जलप्रपात की धारा दूध सी दिखती है. जो करीब 50-60 फीट की ऊंचाई से दहाड़ती हुई नीचे गिरती है. यह जलप्रपात कठिन रास्तों और काफी दूर होने के कारण अधिक संख्या में पर्यटक नजदीक नहीं जा पाते हैं."रिकेश्वर राणा,स्थानीय

ऊंचाई से झारालावा वाटरफॉल का नजारा (ETV Bharat Chhattisgarh)

मंत्रमुग्ध कर देती है बस्तर की सुंदरता :आपको बता दें कि दंतेवाड़ा जिले में काफी खूबसूरती है. प्रकृति ने दंतेवाड़ा का बेहतरीन तरीके से श्रृंगार किया है. दंतेवाड़ा में जंगल, गांव , पर्यटन नगरी बारसूर, झरने, पौराणिक मंदिर सभी ज़िले में मौजूद हैं. इन सबकी अलग-अलग मान्यताएं हैं. झारालावा के अलावा हांदावाड़ा जलप्रपात, फुलपाड जलप्रपात, मलंगिर जलप्रपात ये सभी बारिश के दिनों में अपने शबाब पर रहते हैं. और लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. झारालावा जलप्रपात काफी खूबसूरत और जिले कि शान है.

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