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करोड़ों की जमीन को जिला प्रशासन ने कराया कब्जा मुक्त, भूमाफिया के अतिक्रमण पर चलाया बुलडोजर - Encroachment Destroyed Jaunpur

यूपी के जौनपुर में जिला प्रशासन ने भूमाफिया द्वारा किए गए करोड़ों की जमीन को कब्जा मुक्त कराते हुए अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया है. इसके साथ ही नए कानून के तहत केस भी दर्ज किया गया है.

जौनपुर जिला प्रशासन ने करोड़ों की जमीन कराया कब्जा मुक्त.
जौनपुर जिला प्रशासन ने करोड़ों की जमीन कराया कब्जा मुक्त. (Photo Credit; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 9:10 PM IST

जौनपुर में अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई. (Video Credit; Etv Bharat)

जौनपुर: जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल और पीएसी की मौजूदगी में सबरहद गांव में मुनादी और डुगडुगी पिटवाकर भूमाफिया द्वारा कब्जा की गई जमीन से अतिक्रमण ध्वस्त कराया. इसके अलावा प्रशासन ने अभिलेखों में पोखरे की जमीन पर फर्जी तरीके से दर्ज कराये गए नाम को रद कर सरकारी संपत्ति घोषित किया और वहां बोर्ड भी लगवाया. इसके साथ ही आज से लागू हुए भारतीय दंड संहिता के नए कानून के तहत शाहगंज पुलिस ने 3 लोगों के खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज किया है. आरोपी पर एक करोड़ पांच लाख तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

तहसीलदार आशीष कुमार सिंह ने बताया कि सबरहद गांव के अराजी संख्या 922 आबादी चूना भट्ठी पर अवैध चहारदीवारी बनाकर अतिक्रमण किया गया था, जिसे ध्वस्त कराया गया. चूना भट्ठी पर मालिक के तौर पर उमैर शेख पुत्र शहाबुद्दीन के नाम और "प्रॉपर्टी बिकाऊ है" का बोर्ड लगा हुआ था. तहसीलदार ने बताया कि आरोपी पर एक करोड़, 5 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. सीओ अजीत सिंह चौहान ने बताया कि आरोपी उमैर शेख के खिलाफ बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. जिस सिकंदर आलम नाम के प्रॉपर्टी डीलर का आशुतोष हत्याकांड में नाम आया है, वह भी इस जमीन की खरीद फरोख्त में सम्मिलित था.


इस मामले में सीओ शाहगंज अजीत सिंह चौहान और तहसीलदार शाहगंज आशीष सिंह ने बताया कि ग्राम सभा के अराजी संख्या 1816 पर फर्जी तरीके से जामियां फारुकिया सबरहद मैनुद्दीन, नबीउल्लाह के नाम से दर्ज कराया गया था. जबकि यह सरकारी अभिलेखों में पोखरे के तौर पर दर्ज था. एसडीएम के आदेश पर इसे दोबारा पोखरे के तौर पर दर्ज किया गया और भूमि प्रबंधन समिति के सुपुर्द किया गया है. इस मामले में जिन राजस्व कर्मियों की मिलीभगत होगी, उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जायेगी.

गौरतलब है कि इन जमीनों को लेकर चल रहे फर्जीवाड़े के खिलाफ पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट आशुतोष श्रीवास्तव ने आवाज बुलंद की थी. जिनकी बाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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