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'बिहार में नहीं तो.. हरियाणा-तेलंगाना में कौन सा समंदर है..?' विकास को लेकर प्रशांत किशोर का नीतीश पर हमला - Prashant Kishor

Jan Suraaj : जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार पर केंद्र के रुपए खर्च नहीं करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार विशेष राज्य के दर्जे के लिए मांग करती है लेकिन जो उसे केंद्र द्वारा दिया जा रहा है उस राशि को भी वह खर्च नहीं कर पा रही है. विशेष राज्य के दर्जे पर नीतीश सरकार से कुछ होगा नहीं, सिर्फ अफसरों और नेताओं की बल्ले-बल्ले होगी. पढ़ें पूरी खबर-

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 5, 2024, 3:49 PM IST

प्रशांत किशोर, संयोजक, जनसुराज (ETV Bharat)

पटना : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर विकास को लेकर लगाए गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि 'बिहार में समंदर नहीं है', का बहाना बनाते हैं. लेकिन मनरेगा में आवंटित बजट तक खर्च नहीं कर पा रही है. और पैसा केंद्र को लौट जा रहा है.

'चीनी मिल लगाने से किसने रोका है?' : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह नीतीश कुमार की नासमझी दिखाई देती है, जब वह कहते हैं कि बिहार में कहीं कुछ बचा ही नहीं है. सिर्फ आलू और बालू बचा है. बाकी सब झारखंड में चला गया है. उन्हें कोई बताए कि चीनी मील लगाने के लिए किसी खनिज की जरूरत नहीं है. गन्ने के खेत तो बिहार में ही हैं. वह तो झारखंड में नहीं गए, फिर भी यहां की चीनी मीलें बंद क्यों पड़ी है?

''जब नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार इसलिए पिछड़ा है क्योंकि यहां पर समंदर नहीं है, तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि जो राज्य समुद्र के किनारे नहीं है. उसकी तरक्की कैसे हुई. तेलंगाना, हरियाणा जो विकास दर में बिहार से कहीं आगे है, उनके राज्य में कौन सा समंदर है?''- प्रशांत किशोर, संयोजक, जनसुराज

'मनरेगा के 51000 करोड़ खर्च नहीं हो पाए': नीतीश कुमार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विशेष राज्य के दर्जे से केवल यह फायदा होगा की केंद्र की योजनाओं में केंद्र का हिस्सा 60 प्रतिशत से बढ़कर 90 हो जाएगा. लेकिन आपको यह मालूम होना चाहिए की पिछले वर्ष बिहार सरकार ने 51 हजार करोड़ रूपए सरेंडर कर दिए. क्योंकि यहां की सरकार खर्च ही नहीं कर पायी.

'सही ढंग से पैसे का उपयोग करें': प्रशांत किशोर ने मनरेगा योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि बिहार को मनरेगा में 10 हजार करोड़ मिलना था, तो सिर्फ 39 प्रतिशत ही आया. पीएम आवास योजना में यदि बिहार में 1 लाख घर बन सकते थे, तो मात्र 20 हजार ही बिहार सरकार ने बनवाए. इसलिए विशेष राज्य के दर्जे से ज्यादा महत्व इस बात का है कि बिहार सरकार जो पैसा अभी मिल रहा है, उसका पहले सही ढंग से बिहार के विकास के लिए उपयोग करें.

''यदि विशेष राज्य का दर्जा मिल भी जाएगा तो आज की व्यवस्था में केवल अफसरों और नेताओं का ही उससे भला होगा, बिहार की जनता का नहीं.''- प्रशांत किशोर, संयोजक, जनसुराज

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