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मुश्किल में पूर्वमंत्री ! जोशी के खिलाफ जांच की अनुमति, अब बड़े अधिकारियों की बारी - Jal Jeevan Mission scam - JAL JEEVAN MISSION SCAM

जल जीवन मिशन घोटाले में राज्यपाल ने पूर्व मंत्री के खिलाफ जांच की मंजूरी दे दी है. इसके साथ पीएचईडी ने भी 7 अधिकारियों के खिलाफ जांच की मंजूरी दे दी है, हालांकि इस मामले में बड़े अफसरों की जांच की अनुमति को लेकर भजन लाल सरकार मंथन कर रही है, माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ बड़े अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति मिल सकती है.

जोशी के खिलाफ जांच की अनुमति
जोशी के खिलाफ जांच की अनुमति (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 14, 2024, 11:52 AM IST

जयपुर.पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय हुए जल जीवन मिशन घोटाले मामले में अब पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित कई बड़े अधिकारियों पर जल्द ही गाज गिर सकती है. पूर्व मंत्री महेश जोशी के खिलाफ जांच की अनुमति मिल गई है, राज्यपाल ने जोशी के खिलाफ जांच की अनुमति दे दी है. इतना ही नहीं इस मामले में विभाग के साथ अधिकारी के खिलाफ भी जांच की अनुमति मिल चुकी है, हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे कुछ बड़े अफसर के खिलाफ जांच की अनुमति के लिए भजनलाल सरकार में उच्च स्तरीय मंथन चल रहा है. माना जा रहा है कि एसीबी ने प्राथमिक जांच में भूमिका संदिग्ध मानने के बाद इन अफसर के खिलाफ भी जल्द जांच की अनुमति सरकार देने जा रही है.

पूर्व मंत्री-अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका :बता दें कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) में तत्कालीन सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है. एसीबी ने कुछ माह पहले दर्ज प्राथमिक जांच रिपोर्ट में तत्कालीन पीएचईडी मंत्री महेश जोशी, एसीएस सुबोध अग्रवाल और विभाग के कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई है. इस आधार इनके खिलाफ एफआईआर की अनुमति के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है. एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी के लिए एसीबी ने महेश जोशी की फाइल राज्यपाल को भेजी थी. जिस पर राज्यपाल की मंजूरी के बाद सरकार के माध्यम से एसीबी भेजी दी गई. विभागीय अधिकारियों के खिलाफ विभाग से जांच की अनुमति मिल गई. बाकी सुबोध अग्रवाल व अन्य की फाइल डीओपी व पीएचईडी को भेजी गई. पीएचईडी ने पांच अधिकारियों के नाम पर मनाही कर दी जबकि सात अधिकारियों के खिलाफ अनुमति दे दी.

पढ़ें: जल जीवन मिशन घोटाला : सीबीआई खंगाल रही टेंडर-वर्क ऑर्डर का रिकॉर्ड, अधिकारियों के साथ ही ठेकेदार और दलाल भी निशाने पर

कार्मिक विभाग ने मांगी टिप्पणी :विभागीय सूत्रों की माने तो एसीएस सुबोध अग्रवाल के अलावा छह और अधिकारियों का मामला कार्मिक विभाग और पीएचईडी के पास अभी लम्बित है. एसीबी की ओर से मांगी गई इस मंजूरी के लिए पीएचईडी से इनके बारे में टिप्पणी मांगी गई है, सभी के खिलाफ अन्तिम निर्णय होने के बाद भी एफआईआर दर्ज होगी. हालांकि अन्तिम निर्णय के लिए फाइल सरकार को भेजी गई है. बताया जा रहा है कि इसके लिए मुख्यमंत्री स्तर पर निर्णय होगा. सीएम भजन लाल शर्मा विदेश दौरे से लौट आए हैं, ऐसे में जल्द ही इन अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की मंजूरी मिल सकती है.

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