शिमला: कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव में दी गई गारंटियों को लेकर भाजपा हमलावर है. अब गोबर खरीद पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरा है. गोबर खरीद को लेकर हिमाचल प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा चुनाव के पहले कांग्रेस ने गोबर खरीदने की गारंटी दी थी. नेता प्रतिपक्ष ने यह बयान कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बयान के बाद दिया है. कृषि मंत्री ने कहा था, "सरकार अपनी एक और गारंटी को पूरा करते हुए किसानों से गोबर खरीदेगी. इसके लिए दिल्ली की कंपनी को चुन लिया गया है. कंपनी किसानों से 3 प्रति किलो की दर से गोबर खरीदेगी. जिसकी पैकिंग के लिए बैग भी कंपनी ही देगी."
गोबर नहीं कंपोस्ट खरीदेगी सरकार
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रस पर हमला बोलते हुए कहा कांग्रेस गोबर नहीं कंपोस्ट खरीदेगी. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत कांग्रेस के सभी छोटे बड़े नेताओं ने प्रदेश में हर मंच से कहा था कि सरकार बनने के बाद किसानों से वे दो रुपए किलो के हिसाब से गोबर खरीदेंगे. अब कांग्रेस सरकार का प्रदेश में दो साल का कार्यकाल बीत जाने के बाद सरकार कह रही है कि वे गोबर नहीं कंपोस्ट खरीदेंगे.
गोबर से कम्पोस्ट बनने में कितना समय लगता है और कितने गोबर से कितनी कम्पोस्ट बनती है यह बात सरकार में बैठे लोग नहीं जानते हैं लेकिन प्रदेश के किसान जानते हैं. एक तरफ़ देश में ज़ीरो बजट खेती के लिए केंद्र सरकार योजनाएं ला रही है. दूसरी तरफ सरकार किसानों से बना-बनाया कम्पोस्ट सस्ते दामों में ख़रीदना चाहती है. जब किसान अपने गोबर से कंपोस्ट बना लेंगे तो फिर उन्हे कंपोस्ट 3 रुपये प्रति किलो बेचने की क्या जरूरत है?
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा सरकार के सारे फैसले हास्यास्पद होते हैं. सरकार सिर्फ और सिर्फ लोगों को ठगने का ही प्रयास करती है. बाकी की गारंटियों की तरह ही सरकार अब गोबर खरीद की गारंटी की भी खाना पूर्ति करना चाहती है. देशभर में हिमाचल सरकार और कांग्रेस की गारंटियों की वजह से हुई किरकिरी से कांग्रेस की पूरी पार्टी ही बैकफुट पर है जिसके कारण मुख्यमंत्री को आलाकमान की तरफ से फटकार भी लगाई जा चुकी है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी अब सार्वजनिक तौर पर कह दिया है कि गारंटी देने के पहले ही विचार करना चाहिए. हिमाचल के वर्तमान हालात के कारण पूरे देश में हो रहे चुनावों में कांग्रेस की किरकिरी हुई है. देश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेताओं का लोगों के बीच जाना मुश्किल हुआ है.
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