जयपुर: गाजा संघर्ष और वैश्विक परिप्रेक्ष्य को लेकर जेएलएफ में चर्चा के दौरान लेखक पंकज मिश्रा ने बताया कि उनकी किताब सिर्फ गाजा संघर्ष तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति और मानवता पर इसके दूरगामी असर को भी उजागर करती है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गाजा में हुई हिंसा सिर्फ एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक चेतावनी है. वहीं, ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक शुक्रवार को जयपुर पहुंचे. शनिवार को सुधा मूर्ति अपनी बेटी अक्षता के साथ एक और चर्चा में नजर आने वाली हैं. माना जा रहा है कि इस चर्चा को देखने के लिए ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सनक भी जयपुर पहुंचे हैं.
चर्चा के दौरान ब्रिटिश-फिलिस्तीनी लेखिका सेल्मा दब्बाग ने इस संघर्ष के मानवीय पक्ष पर बात की. उन्होंने बताया कि कैसे यह मसला सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि लाखों निर्दोष नागरिकों की जिंदगी से जुड़ा हुआ है. उन्होंने बातचीत के दौरान गाजा में आम लोगों के हालात और मुश्किलों को जाहिर किया. इस सत्र में मिश्रा के अलावा शायर और लेखक जावेद अख्तर, इंफोसिस के फाउंडर नारायण और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति भी मौजूद थे.
गाजा पर चर्चा, सुनिए किसने क्या कहा... (ETV Bharat Jaipur) भारत और गाजा संकट : पूर्व राजनयिक और लेखक नवतेज सरना ने इस चर्चा में भारत के नजरिए को पेश किया. उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा शांति और मध्यस्थता को बढ़ावा दिया है, लेकिन गाजा संकट ने दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या अंतरराष्ट्रीय संस्था संघर्ष समाधान के लिए असरकारक भूमिका निभा पा रहे हैं या नहीं ? उन्होंने इस बातचीत में आजादी के बाद से भारत और इजराइल के संबंधों पर भी बात की. इस चर्चा को मॉडरेट कर रही वरिष्ठ पत्रकार लिंडसे हिल्सम ने मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाए.
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उन्होंने कहा कि गाजा संघर्ष की रिपोर्टिंग अक्सर एकतरफा होती है, जिससे दुनिया के कई हिस्सों में इसे लेकर गलतफहमियां बढ़ती हैं. उन्होंने निष्पक्ष रिपोर्टिंग की जरूरत बताई और कहा कि मीडिया को दोनों पक्षों की वास्तविकताओं को उजागर करना चाहिए. चर्चा के बीच पंकज मिश्रा ने पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यधारा की मीडिया की रिपोर्टिंग अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि बीबीसी और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसी संस्थाओं पर अब भरोसा करना मुश्किल हो गया है, लेकिन हम वैकल्पिक स्रोतों से सच जानने की कोशिश कर रहे हैं.
जावेद अख्तर और सुधा मूर्ति रहे मौजूद (ETV Bharat Jaipur) क्या कहती है 'द वर्ल्ड आफ्टर गाजा' ? : पंकज मिश्रा ने अपनी किताब को लेकर कहा कि इसमें बताया गया है कि गाजा संघर्ष ने वैश्विक राजनीति को किस तरह से प्रभावित किया है. इसमें अंतरराष्ट्रीय संबंधों, कूटनीति और भविष्य की संभावनाओं का गहन विश्लेषण किया गया है. पुस्तक इस बात की पड़ताल करती है कि क्या दुनिया हकीकत में शांति की ओर बढ़ रही है या फिर हम एक और बड़े संघर्ष की ओर बढ़ रहे हैं ?
जावेद अख्तर और सुधा मूर्ति रहे मौजूद : इस सत्र को लेकर @topgunRJ नाम के एक यूजर ने X पर लिखा कि द वर्ल्ड आफ्टर गाजा का सत्र पूरी तरह से भरा हुआ था, जिसमें जावेद अख्तर, नारायण और सुधा मूर्ति भी शामिल थे. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने इस सत्र को शामिल कर हिम्मत दिखाई, क्योंकि इसमें गाजा संघर्ष पर फिलिस्तीन के दृष्टिकोण को सामने रखा गया और हैरानी की बात यह थी कि इसे कुछ हद तक सहानुभूति भी मिली.
ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक पहुंचे जयपुर. (ETV Bharat Jaipur) ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक पहुंचे जयपुरःऋषि सुनक की सास और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति की मां सुधा मूर्ति ने गुरुवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा लिया था. शुक्रवार को सुधा मूर्ति गाजा पट्टी पर आयोजित एक सेशन में पंकज मिश्रा की किताब पर चर्चा के दौरान भी नजर आई थी. शनिवार को सुधा मूर्ति अपनी बेटी अक्षता के साथ एक और चर्चा में नजर आने वाली हैं. माना जा रहा है कि इस चर्चा को देखने के लिए ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सनक भी शुक्रवार शाम को जयपुर पहुंचे हैं.
चार्टर विमान से आए जयपुरःब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ JLF कार्यक्रम में भाग लेंगे. ऋषि सुनक शुक्रवार को विशेष विमान के जरिए दिल्ली पहुंचे थे, जहां से चार्टर विमान से जयपुर पहुंचे. अपने खाली समय में उन्हें फिट रहना, क्रिकेट, फुटबॉल खेलना और फिल्में देखना पसंद है. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पांच दिवसीय आयोजन है, जो 30 जनवरी से 3 फरवरी तक आमेर के होटल क्लार्क्स में आयोजित होगा.