जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर की जमीन से जुड़े सौदे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के पासीघाट थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने वाले राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने माना कि हाईकोर्ट के आदेश को परिवादी ने चुनौती नहीं दी है और अरुणाचल प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर ही इसे चुनौती दी. जबकि मामला आपसी लेन-देन से संबंधित था. जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने यह आदेश अरुणाचल प्रदेश सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए दिए.
प्रकरण से जुड़े अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने बताया कि परिवादी अनिल अग्रवाल ने वर्ष 2017 में पासीघाट थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि मैसर्स शिव भंडार ने जयपुर के सीकर हाउस में एक प्लॉट खरीदने के लिए जयपुर निवासी चन्द्रमोहन बडाया को 75 लाख रुपए और शशि नाटाणी को 25 लाख रुपए का भुगतान किया था. इसके बावजूद भी प्लॉट का बेचान नहीं किया गया और राशि हड़प ली.