जबलपुर:किसान इन दिनों यूरिया की कमी से परेशान है. किसानों को उनकी जरुरत के अनुसार पर्याप्त यूरिया नहीं मिल पा रहा है. प्रशासन का कहना है कि कमी तो है लेकिन इतनी नहीं है कि किसानों को यूरिया ना मिल सके. इधर किसानों का आरोप है कि यूरिया को लेकर जमकर कालाबाजारी भी हो रही है और निजी दुकानों से यूरिया खरीदने पर जबरन उन्हें यूरिया के साथ दूसरे सामान खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है.
यूरिया की कालाबाजारी का आरोप
जबलपुर की शाहपुरा मंडी में किसानों को यूरिया बांटा जा रहा है. किसानों के आधार कार्ड पर जो यूरिया दिया जा रहा है उसकी कीमत 266 प्रति 45 किलो है लेकिन इसी की कालाबाजारी ₹350 तक बेचकर की जा रही है. भारतीय किसान संघ के नेता राघवेंद्र पटेलने आरोप लगाया है कि "यदि निजी दुकानदारों से यूरिया खरीदा जा रहा है तो यूरिया के साथ जबरन एक दूसरा उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसकी वजह से यूरिया ₹500 तक में किसान खरीदने को मजबूत हो रहा है."
'रोज दी जाती है नई तारीख'
शहपुरा के किसान रिंकू पटेलने बताया कि "शाहपुरा मंडी में किसान यूरिया खरीदने के लिए दिनभर बारिश के मौसम में खड़े रहते हैं लेकिन उन्हें यूरिया नहीं मिल पा रहा है. रोज नई तारीख दी जा रही है. उनकी धान की फसल में यदि अभी यूरिया नहीं दिया गया तो उन्हें अच्छा उत्पादन नहीं मिलेगा लेकिन समिति के अधिकारी इस बात को समझने को तैयार नहीं हैं."
यूरिया की जरूरत और आपूर्ति
जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेनाने बताया कि "जबलपुर में खरीफ के सीजन में यूरिया की मांग लगभग 28000 मीट्रिक टन है लेकिन प्रशासन को केवल 22000 मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुआ. अभी भी उनके पास लगभग 500 मीट्रिक टन यूरिया है जिसे सरकार समिति के माध्यम से किसानों को दे रही है. सरकार से और अधिक यूरिया की मांग की है और जल्द ही जबलपुर में यूरिया की आपूर्ति सरकार से मिल सकती है." कालाबाजारी के मामले में कलेक्टर का कहना है कि उनके पास ऐसी शिकायत नहीं है यदि किसी के पास पुख्ता सबूत हैं तो वह शिकायत कर सकता है.