जबलपुर: देश भर के जाने-माने कलाकारों ने जबलपुर के इत्यादि संस्था के कार्यक्रम के दौरान पत्थर की जो मूर्तियां बनाई थी कलाकार चाहते हैं कि उन मूर्तियों को जबलपुर शहर के अलग-अलग स्थान पर लगाया जाए. जबलपुर की इत्यादि संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान देश के जाने-माने कई कलाकारों ने इन मूर्तियों को बनाया था. इनमें से हर मूर्ति की कीमत लाखों रुपए में है.
संस्था हर साल कराती है आयोजन
जबलपुर में कलाकारों की एक संस्था है, जिसका नाम इत्यादि है. इस संस्था के सभी सदस्य अलग-अलग विधाओं के कलाकार हैं. इत्यादि हर साल कलाकारों का एक बड़ा आयोजन करती है. इस आयोजन में देश के अलग-अलग कोने से कलाकार आते हैं और अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. इस मौके पर कुछ लोग पेंटिंग्स बनाते हैं तो कुछ लोग संगीत के कार्यक्रम पेश करते हैं. वहीं दूसरी कलाओं के माहिर कलाकार भी अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं.
बड़े पत्थर में बनी फूल की कलाकृति (ETV Bharat) 3 सालों में एकत्रित हुई 25 ज्यादा कलाकृतियां
इन्हीं में से कुछ कलाकार पत्थर की मूर्तियां बनाने के लिए भी आते हैं और यह देश के जाने-माने कलाकार होते हैं. पत्थर की इन विशाल मूर्तियों को बनाने के बाद कोई भी कलाकार इन्हें अपने साथ नहीं ले जाता. पिछले तीन सालों में ऐसी 25 से ज्यादा बड़ी कलाकृतियां इत्यादि संस्था के पास इकट्ठी हो गई है. इनमें से कुछ मूर्तियां अभी भी जबलपुर के कल्चरल स्टीट पर रखी हैं तो कुछ मूर्तियों को इत्यादि संस्था अपने पास रखी हैं.
कला का बेजोड़ नमूना (ETV Bharat) मूर्तियों की लाखों रुपए होती है कीमत
इस आयोजन के आयोजक विनय अंबर कहते हैं, "यह मूर्तियां देश के जाने-माने कलाकारों द्वारा बनाई गई हैं, सभी मूर्तियां कला का बेजोड़ नमूना है. इन शानदार कलाकृतियों का कोई मोल नहीं लगाया जा सकता है. कलाकार जब इन्हें बेचने के लिए बनाते हैं तब एक-एक मूर्ति कई लाख रुपए में बेची जाती है, क्योंकि यह मूर्तियां प्रतिकृति या रिप्लिका नहीं होती बल्कि यह अपने आप में अपने किस्म की अकेली मूर्ति होती है. इसलिए इनके दाम कलाकार अपने हिसाब से तय करते हैं."
संस्था हर साल कराती है आयोजन (ETV Bharat) मूर्तियों को शहर को देना चाहते हैं कलाकार
विनय अंबरने बताया, "इत्यादि संस्था इन कलाकारों को आमंत्रित करती है, क्योंकि यहां कला का संगम होता है. इसलिए इन मूर्तियों में केवल कलाकारों के स्वागत सत्कार में जो पैसा खर्च होता है उसी को उनकी लागत मानी जा सकती है." विनय अंबर का कहना है कि वे इन मूर्तियों को शहर को देना चाहते हैं, ताकि शहर के सौंदर्य में इनका इस्तेमाल हो सके.
देश के जाने माने कालकार द्वारा बनाई गई स्टैच्यू (ETV Bharat) महापौर को कलाकारों का सुझाव आया पसंद
दरअसल, बड़े निर्माण कार्यों के सौंदर्यीकरण में सरकार बहुत बड़ी रकम खर्च करती है, लेकिन इसका फायदा कला और कलाकारों के हिस्से में नहीं आ पाता. विनय नंबर का कहना है कि "जबलपुर नगर निगम इन मूर्तियों का इस्तेमाल करता है और बहुत छोटी सी रकम इत्यादि संस्था को देता है तो इससे न केवल इन मूर्तियों का इस्तेमाल शहर के सौंदर्य के लिए हो जाएगा, बल्कि इत्यादि संस्था लगातार इसी तरह कलाकारों का समारोह करती रहेगी और शहर को खूबसूरत मूर्तियां मिलती रहेगी." जबलपुर नगर निगम के महापौर जगत बहादुर सिंहका कहना है कि "कलाकारों का यह सुझाव उन्हें पसंद आ रहा है और वह जल्दी ही इन मूर्तियों को शहर के सौंदर्य के लिए इस्तेमाल करेंगे.