जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में 20 जुलाई को इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया जाएगा. इसे रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का नाम दिया गया है. इस इन्वेस्टर मीट में एमएसएमई की पॉलिसी में होने वाले नए बदलावों के बारे में जानकारी दी जाएगी. साथ ही सरकार द्वारा बीमारू उद्योगों के विकास की सहायता की घोषणा की जाएगी. आपको बता दें कि मोहन सरकार ने इसके पहले ऐसी ही इन्वेस्टर मीट का आयोजन उज्जैन में किया था.
जबलपुर में मिलेगा उद्योगों को बढ़ावा
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार जबलपुर में 20 जुलाई को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर रही है. इस आयोजन की नोडल एजेंसी मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सृष्टि प्रजापति ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव करने के लिए एक पत्र प्राप्त हुआ है. अब इस इंडस्ट्रियल मीट को प्लॉन किया जा रहा है. जबलपुर उमरिया डूंगरिया इंडस्ट्रियल एरिया के कारोबारी के संगठन के अध्यक्ष मुनीष मिश्रा का कहना है कि 'जबलपुर में होने वाली यह इंडस्ट्रियल मीट बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि जबलपुर उद्योग के विकास के नजरिए से बहुत पीछे रह गया है. इसलिए इस इंडस्ट्रियल मीट की वजह से भारत के कई इलाकों से उद्योगपति जबलपुर आएंगे और जबलपुर में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा.
सरकार की ओर से मिलता है 40% तक का अनुदान
एमएसएमई योजना के तहत 10 करोड़ से लेकर 50 करोड़ रुपए तक का निवेश करके उद्योग स्थापित किया जा सकते हैं. इन उद्योगों की स्थापना के लिए सरकार की ओर से 40% तक का अनुदान मिलता है. इसके साथ ही सरकार विकसित औद्योगिक इलाकों में जमीन भी उपलब्ध करवाती है. मध्य प्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2021 में बनाई गई थी. इसमें समय-समय पर परिवर्तन किए जाते रहे हैं और ऐसी उम्मीद है कि जबलपुर में होने वाली इन्वेस्टर मीट में नई पॉलिसी में जो बदलाव किए गए हैं, उनके बारे में भी जानकारी दी जाएगी.