जबलपुर: यदि किसी कर्मचारी के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत लंबित है तो ट्रांसफर या प्रमोशन होने पर उसे पदभार ग्रहण करने से रोका नहीं जा सकता. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने अपने अहम आदेश में कहा कि किसी कर्मचारी के खिलाफ यदि लोकायुक्त में शिकायत लंबित है तो इस आधार पर उसे पदभार ग्रहण करने से वंचित नहीं किया जा सकता. युगलपीठ ने पूर्व में एकलपीठ के पारित आदेश पर रोक लगा दी है.
एकलपीठ ने ट्रांसफर आदेश पर लगा दी थी रोक
निवाड़ी निवासी आर डी वर्मा की तरफ से दायर अपील में कहा गया था कि वह एक्सीलेंस स्कूल निवाड़ी में प्राचार्य के पद पर पदस्थ थे. सरकार ने उनका ट्रांसफर करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी निवाड़ी के रूप में पदस्थ किया था. जिला शिक्षा अधिकारी अन्वेष श्रीवास्तव का स्थानांतरण एक्सीलेंस स्कूल निवाड़ी में प्राचार्य के पद पर किया गया था.
जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि आवेदक आर डी वर्मा के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत लंबित है. लोकायुक्त विभाग ने नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है. इसके चलते एकलपीठ ने स्थानांतरण आदेश पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि लोकायुक्त विभाग में शिकायत लंबित होने के कारण उन्हें डीईओ का पदभार नहीं दिया जा सकता है.
एकलपीठ के आदेश को दी थी चुनौती
एकलपीठ के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाने को चुनौती देते हुए निवाड़ी निवासी आर डी वर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अपीलकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए एडवोकेट दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि कानून के अनुसार मात्र शिकायत दर्ज होने या नोटिस जारी होने पर किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है जबकि वर्तमान अपीलकर्ता ने पदभार ग्रहण कर लिया है. इसके बावजूद एकलपीठ ने स्थानांतरण आदेश पर ही रोक लगा दी है.
'शिकायत के आधार पर चार्ज देने से नहीं रोक सकते'
हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने अपने अहम आदेश में कहा कि "किसी कर्मचारी के खिलाफ यदि लोकायुक्त में शिकायत लंबित है तो इस आधार पर उसे पदभार ग्रहण करने से वंचित नहीं किया जा सकता. युगलपीठ ने पूर्व में एकलपीठ के पारित आदेश पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब मांगा है."