जबलपुर:मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन के रिटायरमेंट से जुड़े दो मामले पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन को सरकार द्वारा हटाये जाने के खिलाफ अवमानना आवेदन दायर की गई है. इधर मध्य प्रदेश सरकार ने भी अशोक तिवारी की सेवानिवृत्ति पर हाईकोर्ट की तरफ से लगाई गई रोक को हटाने की मांग करते हुए सरकार की तरफ से आवेदन पेश किया है. इन दोनों मामलों पर हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सुनवाई की. इधर, सरकार के आवेदन पर युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही अवमानना आवेदन पर अगली तारीख में सुनवाई के निर्देश जारी किए.
हाईकोर्ट में दायर की गई है जनहित याचिका
बता दें कि मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन को जबरन रिटायरमेंट करने पर , रोहित दुबे की तरफ से हाईकोर्ट की अवमानना संबंधी जनहित याचिका दायर की गई है. जिसमें बताया गया है कि "सुप्रीम कोर्ट में आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में याचिका विचाराधीन है. इसी बीच प्रदेश के फोरम और जिलों में गठित आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है या फिर होने वाला है. बिहार, केरल, उत्तर प्रदेश में भी राज्य और जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों का कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका को देखते हुए अंतरिम रूप से बढ़ा दिया गया है."
'हजारों की संख्या में हैं मामले लंबित'
जिला आयोग में हजारों की संख्या में मामले लंबित हैं. आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया तो सरकार चाहकर भी नई नियुक्ति नहीं कर पाएगी. ऐसे में नए प्रकरण दायर होते चले जाएंगे और पुराने प्रकरणों की सुनवाई भी नहीं हो पाएगी. इस मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व में याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य और जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष और सदस्य फिलहाल अपने पदों पर बने रहेंगे के आदेश जारी किये थे.