जबलपुर :इस मामले में लगातार सुनवाई के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ जारी जमानती वारंट पर स्टे लगा दिया गया था, जिसे चुनौती देने के लिए विवेक तंखा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील कपिल सिब्बल ने पैरवी की.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जब चुनाव के दौरान ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी तो उस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा भी इस मामले में पैरवी कर रहे थे. इस दौरान कथित तौर पर भाजपा नेताओं ने यह गलत ढंग से पेश किया कि विवेक तंखा की वजह से ओबीसी आरक्षण पर रोक लगी है. इस मामले में राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह पर उनके खिलाफ गलत बयानबाजी के आरोपी लगाए. राज्य सभा सांसद ने तीनों नेताओं के खिलाफ 10 करोड़ की मानहानि का परिवाद दायर कराया था, जिसके बाद एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने 20 जनवरी को तीनों के विरुद्ध मानहानि का प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए थे. इसी के बाद तीनों नेताओं ने हाईकोर्ट की शरण ली थी.